उत्तर प्रदेश

(पंतनगर विश्वविद्यालय) दीजिए बधाई. क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में विश्वविद्यालय 311 वीं रैंक पर.पेटेंट फाइल में भी बड़ा प्रयास।।

65वीं शोध सलाहकार समिति की बैठक आयोजित
पंतनगर-: विश्वविद्यालय की 65वीं शोध सलाहकार समिति की दो-दिवसीय बैठक में विभिन्न परियोजनाओं में किए जा रहे शोध कार्यों की समीक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई जिसमें उत्तराखण्ड में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लाभ के लिए भविष्य की योजना विकसित करने पर चर्चा हुई। दो-दिवसीय बैठक में लगभग 70 परियोजना समन्वयकों/परियोजना अधिकारियों द्वारा पिछले एक वर्ष में किए गए शोध की प्रगति का विवरण प्रस्तुत किया साथ ही आईआरजी/रिसर्च स्कूल के प्रपोजल/प्रोग्रेस की भी वैज्ञानिकों के द्वारा प्रस्तुति की गयी जिसमें कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा पर्वतीय क्षेत्र की महिला सशक्तिकरण पर बल दिया गया।
इस अवसर पर शोध सलाहकार समिति के सदस्यों के रूप में डा. त्रिवेणी दत्त निदेशक एवं कुलपति भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली; डा. धीर सिंह निदेशक एवं कुलपति राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल; डा. एम. मधु निदेषक भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून; डा. लक्ष्मीकांत निदेशक विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा; डा. अजीत सिंह यादव सहायक महानिदेशक (कृषि शिक्षा) एवं डा. राजवीर सिंह सहायक महानिदेशक (हेडक्वार्टर) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, दिल्ली; डा. ए.के. रावत पूर्व सलाहकार जैव प्रौद्योगिकी भारत सरकार; डा. रूपसी तिवारी संयुक्त निदेशक कृषि प्रसार शिक्षा, भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली; डा. अजय वर्मा मुख्य कृषि अधिकारी, ऊधमसिंह नगर तथा श्री महेन्द्र पाल, निदेशक, हॉर्टिकल्चर मिशन, उत्तराखण्ड उपस्थित थे जिन्होंने विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत शोध कार्यक्रमों की समीक्षा की और सुझाव दिए।
कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने विश्वविद्यालय को क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में 311 वें रैंक पर आने पर सभी को बधाई दी। उन्होंने पूर्व की भांति थ्री-पी (प्रोडक्ट, पेटेंट एवं पब्लिकेशन) पर बल दिया। उन्होने पहाड़ी क्षेत्रों में जंगली जानवरों की समस्याओं तथा महिला सशक्तिकरण की ओर सभी का ध्यान केन्द्रित किया। डा. चै
चौहान ने सभी वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि तनमयता के साथ शोध कार्य करें। शोध प्रथम फिर शिक्षण कार्य क्योंकि शोध के द्वारा ही समाज को सीधे योगदान दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शोध सलाहकार समिति की बैठक आगे भी नियमित रूप से आयोजित होती रहेंगी। साथ ही उन्होंने वैज्ञानिकों से नयी शोध परियोजना लाने हेतु 6 से ऊपर नास रेटिंग पर प्रकाशित करने का भी सुझाव दिया उन्होंने पेटेंट फाइल करने के लिए किये गये प्रयासों हेतु डा. जे.पी. मिश्रा मुख्य कार्यकारी अधिकारी बौद्धिक सम्पदा प्रबंधक प्रकोष्ठ की सराहना की।

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