देहरादून-: देशभर में पीएम मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी करने वाले “साईबर ठगों के गिरोह का सरगना” आया एसटीएफ के शिकन्जे में पकड़ा गया आरोपी सिक्योरिटी गार्ड से साईबर ठग गिरोह का संचालक बन गया था एसटीएफ की टीम ने गिरोह के सरगने से 13 मोबाईल, 07 बैंक के एटीएम कार्डस, 07 सिम कार्डस और आधार कार्डस व कई लाखों रूपये के हिसाब किताब की 10 डायरियां भी बरामद की है।
टीम ने इस गिरोह से अब तक 01 लाख 31 हजार रूपये नगद, 23 मोबाईल फोन, 18 एटीएम कार्डस, 71 सिम कार्डस, 02 बैंक पास बुक व कई लाखों रूपये के हिसाब किताब की 14 डायरियां बरामद की है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि विगत दिवस में एसटीएफ द्वारा प्रधानमन्त्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर थाना प्रेमनगर जनपद देहरादून क्षेत्र में रहकर ऑनलाईन ठगी करने वाले साईबरों ठगों के गिरोह के 02 सदस्यों को पकड़कर इस गिरोह का भण्डाफोड़ किया था। जिनके द्वारा तेलंगना, आन्ध्रा और महाराष्ट्र राज्य के निवासियों के अलावा देशभर में कई लोगों के साथ कई लाखो रूपये की धोखाधड़ी की गयी थी। इस पूरे गिरोह का मुख्य संचालक दीपक राज शर्मा तभी से फरार चल रहा था। उसकी तलाश में एसटीएफ तभी से जगह जगह तलाश कर रही थी। शनिवार 13 अप्रैल को फरार दीपक राज शर्मा के सम्बन्ध में उसके वृन्दावन, मथुरा से छिपे रहने की सूचना प्राप्त होने पर एसटीएफ की टीम द्वारा वृन्दावन मथुरा में जाकर दीपक राज शर्मा को गिरप्तार किया गया है। अभियुक्त से पूछताछ पर गिरोह में संलिप्त अन्य अभियुक्तों की जानकारी हुयी है।
गिरप्तार किये गये अभियुक्तों की पहचान दीपक राज शर्मा पुत्र राम लौट शर्मा निवासी ग्राम विशुनपुर, छोटेपट्टी, थाना दोस्तपुर, जिला सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश उम्र 30 वर्ष, के रूप में हुई है। पकड़े गए आरोपों के खिलाफ थाना सेलाकुई, साईबर थाना देहरादून में पहले भी इसी तरह के मामले दर्ज हैं।
एसटीएफ की पूछताछ में दीपक राज शर्मा ने बताया कि उसने अपने गांव के चुन्नीलाल इंटर कॉलेज सुल्तानपुर से 12वीं परीक्षा पास की है। मैं वर्ष 2015 में देहरादून में काम करने आया था। सबसे पहले वसंत विहार में हॉक कमाण्डो सिक्योरिटी सर्विस में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था।उसके बाद वह एक कॉल सेंटर में काम करने लगा। वह कॉल सेंटर लोगों से भिन्न-भिन्न कंपनियों के टावर लगाने के नाम पर ठगी करता था वहीं से मैंने भी यह काम सीख कर साईबर ठगी का कार्य शुरू किया। वर्ष 2015 में वह इसी साईबर ठगी के मामले में थाना सेलाकुई से जेल गया फिर उसके बाद उसने अपना कॉल सेन्टर 2022 में बसंत विहार में अनुराग चौक के पास खोला जहां से फिर मुद्रा लोन के नाम पर साईबर ऑन लाइन ठगी शुरू कर दी लेकिन वहां पर भी साइबर थाना देहरादून वर्ष 2022 में मेरे गिरोह के साथ मुझे पकड़ लिया गया और फिर मैं जेल चला गया। उस समय मेरे साथ ऋषिपाल, सोहित शर्मा, विकास शर्मा जेल गए थे। एक महिने जेल में रहकर जमानत पर छूटने के बाद मैं वापस अपने गांव चला गया, फिर उसके बाद में वर्ष 2023 जून के महीने देहरादून आया और प्रेम नगर क्षेत्र में दोबारा से एक कॉल सेंटर खोला और प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम से ठगी शुरू कर दी इस काम के लिये उसने अपने साथ कुल 09 से लेकर 10 लड़को को रखा था। इस काम के लिये हजार रुपए प्रति सिम खरीदा गया था फर्जी बैंक खाते बिहार से 25 से 30 हजार रूपये में खरीदता था। मुद्रा लोन का मैसेज-एड के लिये दिल्ली के एक लड़के के जरिये करवाता था जिससे ग्राहक झांसे में आ जायें। मुद्रा लोन को लेकर फर्जी कॉल से धोखाधड़ी करके पर प्रति सप्ताह 6 से 7 लाख रुपए कमाये थे। जिसमें से 50 प्रतिशत हिस्सा अपनी टीम को तथा 50 प्रतिशत इसका होता था। ठगी की कमाई से सिद्धवाला, प्रेमनगर में दो प्लॉट लगभग 32 लाख रूपये में खरीदे हैं तथा 05-05 लाख की तीन कमेटियों में अपना धोखाधड़ी की रकम लगायी गयी है। ठाकुर पुर में नित्या गारमेन्टस के नाम से दुकान में भी ये ही रकम प्रयुक्त करता था। इसके अलाव कई अहम जानकारी मिली है जिनके सम्बन्ध में एसटीएफ आगे कार्यवाही की योजना बना रही है।
गिरप्तार करने वाली टीम का नाम उपनिरीक्षक विपिन बहुगुणा, नरोत्तम विष्ट हेड कांस्टेबल देवेन्द्र मंमगाई,प्रमोद कुमार, रवि पंत,कांस्टेबल दीपक चन्दोला, नितिन कुमार आदि थे।