देहरादून-: शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा के अन्तर्गत निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर कमजोर एवं अपवंचित वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है, जिसमें प्रवेश सम्बन्धी सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से एन०आई०सी०, उत्तराखण्ड द्वारा व्यवहृत की जा रही है। आर०टी०ई० की धारा 12 (1) (c) के अन्तर्गत प्रवेशित एवं अध्ययनरत बच्चों की शुल्क प्रतिपूर्ति भारत/राज्य सरकार द्वारा की जाती है।
राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा बंशीधर तिवारी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि स्कूलों में अपनाई जा रही प्रवेश प्रक्रिया सम्बन्धी ऑनलाइन व्यवस्था की पारदर्शिता, विद्यालयों को की जा रही शुल्क प्रतिपूर्ति एवं छात्र प्रतिपूर्ति तथा उनका समसय आवंटन आदि के सम्बन्ध में भौतिक सत्यापन / जाँच हेतु राज्य स्तरीय समिति/ टीम गठित की गई है।
उक्त के अतिरिक्त जनपद स्तर पर कार्यरत आर०टी०ई० समन्वयक एवं सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी / लेखाकार भी गठित समिति के सदस्य के रूप में नामित किए गए हैं। टीम के राज्य स्तरीय सदस्यों के आवास व्यवस्था सम्बन्धी बिलों का भुगतान एवं वाहन व्यवस्था (प्रति टीम एक वाहन) राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा की जाएगी।
अतः निर्देशित किया जाता है कि उपरोक्तानुसार नामित समस्त सदस्य प्रथम चरण में दिनांक 05 मई, 2024 से 20 मई, 2024 तथा द्वितीय चरण में दिनांक 01 जुलाई, 2024 से 15 जुलाई, 2024 के मध्य आंवटित प्रत्येक जनपद के अन्तर्गत न्यूनतम 10 निजी विद्यालयों (जिनमें आर०टी०ई० की धारा 12 (1) (c) के अन्तर्गत छात्र/छात्राएं अध्ययनरत हो) का सघन निरीक्षण/जाँच करते हुए जाँच आख्या राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा को उपलब्ध करना सुनिश्चित करें। उक्त के साथ ही आवंटित जनपद के अन्तर्गत संचालित NRST केन्द्रों, आवासीय छात्रावासों एवं एस्कार्ट सुविधा से आच्छादित बच्चों के सम्बन्ध में भी यथा सम्भव अनुश्रवण कर लिया जाए।