उत्तराखण्ड

बड़ी खबर (उत्तराखंड) पंतनगर से वापस होकर गुजरा मानसून.94.4 प्रतिशत हुई बरसात. जाने अपडेट।।

देहरादून
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून उत्तराखंड के कुछ हिस्सों से वापस चला गया है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की रेखा गुलमर्ग, धर्मशाला, पंतनगर, इटावा, मुरैना, सवाई माधोपुर, जोधपुर और बाड़मेर से होकर गुजरती है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में राज्य से मानसून के पूरी तरह से विदा होने की उम्मीद है। इस बीच, मौसम विज्ञान केंद्र ने रविवार को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बिजली गिरने और तीव्र बारिश होने की संभावना के संबंध में एक पीली चेतावनी भी जारी की है। इसके अलावा आज उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश/तूफान आने की संभावना है। राज्य के शेष जिलों में मौसम शुष्क रहेगा।

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राज्य की अस्थायी राजधानी देहरादून में रविवार को आसमान मुख्यतः साफ रहने से लेकर आंशिक रूप से बादल छाए रहने का अनुमान है। आज अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 35 डिग्री सेल्सियस और 22 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।

इस बीच, शनिवार को राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई, केदारनाथ में छह मिलीमीटर, पांडुकेश्वर में चार मिलीमीटर और चौखुटिया में 2.5 मिलीमीटर बारिश हुई। राज्य के विभिन्न हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः देहरादून में 35 डिग्री सेल्सियस और 22.4 डिग्री सेल्सियस, पंतनगर में 34.6 डिग्री सेल्सियस और 22.6 डिग्री सेल्सियस, मुक्तेश्वर में 22.4 डिग्री सेल्सियस और 15 डिग्री सेल्सियस और 26 डिग्री सेल्सियस और 15.9 डिग्री दर्ज किया गया।
उधर आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अल नीनो के प्रभाव का मुकाबला करने वाले सकारात्मक कारकों के साथ, 2023 का मानसून 94.4 प्रतिशत बारिश दर्ज करने के साथ समाप्त हुआ, जिसे ‘‘सामान्य’’ माना जाता है. उन्होंने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि उप-विभागीय क्षेत्र के 73 प्रतिशत हिस्से में सामान्य वर्षा दर्ज की गई.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि देश में चार महीने का मानसून सीजन अब समाप्त हो चुका है. इस बार सामान्य वर्षा दर्ज की गई है. विभाग के मुताबिक, लंबे समय तक बारिश का औसत 868.6 मिलीमीटर (मिमी) रहा है, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 820 मिमी का रहा.
विभाग ने बताया कि सकारात्मक कारकों के बावजूद, अल नीनो से देश में मानसून की बारिश पर बहुत असर नहीं पड़ा है. लंबी अवधि के औसत (एलपीए) के 94 प्रतिशत से 106 प्रतिशत के बीच बारिश को सामान्य माना जाता है. आइएमडी के मुताबिक, अल नीनो की स्थिति के कारण इस साल सर्दी कम पडे़गी. शीत लहर भी बहुत अधिक नहीं होगी, इसके साथ ही ठंडे दिनों में भी कमी दर्ज किए जाने की उम्मीद है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अल नीनो के प्रभाव का मुकाबला करने वाले सकारात्मक कारकों के साथ, 2023 का मानसून 94.4 प्रतिशत बारिश दर्ज करने के साथ समाप्त हुआ, जिसे ‘‘सामान्य’’ माना जाता है. उन्होंने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि उप-विभागीय क्षेत्र के 73 प्रतिशत हिस्से में सामान्य वर्षा दर्ज की गई, जबकि 18 प्रतिशत में कम बारिश देखी गई. पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य 1,367.3 मिमी की तुलना में 1,115 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 18 प्रतिशत कम है.

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