सचिव आपदा प्रबंधन डॉक्टर रंजीत सिंन्हा ने सिलक्यारा टनल का निरीक्षण कर राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन,
एनएचडीसीआइएल तथा बचाव अभियान में जुटे संगठनों के अधिकारियों और टनल व रेस्क्यू विशेषज्ञों के साथ बैठक कर अभियान की समीक्षा की और अगली रणनीति पर विचार विमर्श किया। सचिव आपदा प्रबंधन ने बचाव अभियान के
बाईट : एनएचडीसीआइएल के अधिषाषी निदेशक कर्नल (रि.) संदीप सुदेहरा
तकनीकी पहलुओं की बारीकी से समीक्षा कर रेस्क्यू अभियान को लेकर अधिकारियों को जरूरी हिदायतें जारी की। उन्होंने कहा कि अभियान को कामयाबी के साथ यथाशीघ्र अंजाम तक पहुंचाने के लिए विशेषज्ञों के तकनीकी परामर्श और दक्षता पर तत्परता से अमल किया जाय। सचिव ने कहा कि शासन स्तर से रेस्क्यू अभियान के लिए आवश्यक संसाधनों की तत्परता से व्यवस्था करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सुरंग के अंदर जमा मलवे में बड़े व्यास के पाइप डालकर वहां फँसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के दूसरे
विकल्प पर भी अमल शुरू हो गया है। जिसके लिए देहरादून से होगर मशीन और लगभग ढाई फीट व्यास के पाइप घटना स्थल के लिए रवाना कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि फंसे मजदूरों को बाहर निकालना शासन की पहली प्राथमिकता है और अभियान को इसी पर पूरी तरह फोकस किया गया है।
गंगोत्री के विधायक सुरेश चौहान ने भी घटना स्थल का दौरा किया।
एनडीआरएफ के डीआईजी गंभीर सिंह चौहान भी मौके पर मौजूद।
रेल विकास निगम , राईट्स तथा एलएंडटी के विशेषज्ञ भी मौके पर अभियान में शामिल है।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरसीएस पंवार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा घटना स्थल पर 6 बेड का अस्थाई अस्पताल स्थापित करने के साथ ही मौके पर चौबीसों घंटे मेडिकल टीमों सहित 10 एम्बुलेंस को तैनात किया गया है।
