उत्तर प्रदेश

(श्रद्धांजलि)[चमोली घटना] अलकनंदा नदी के तट पर दुखी मन से 11 चिताओं को दी गई मुखाग्नि. हर जगह दुखों का सैलाब ।।

चमोली -: नमामि गंगे परियोजना की साइड में आए विद्युत करंट से मृत स्थानीय 11 लोगों की चिताएं अलकनंदा के तट पर

गुरुवार को एक साथ एक साथ जलीं तो सारे जनमानस में चीत्कार की गूंज फैल गई। हर किसी की आंख में दुखों का सैलाब था तथा आंसू और जुबां पर एक ही बात थी कि ऐसा किसी के साथ कभी न हो अपनों से बिछड़ चुके लोग भारी मन से अलकनंदा के तट पर द्रवित मन से अपनों को श्रद्धांजलि दे रहे थे बुधवार को नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर हुए इस लोमहर्षक घटना से जहां सरकार भी सकते में आ गई वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद पहुंचकर लोगों का दुख दर्द वार्ता यहां पहले करंट से 16 लोगों की मौत हो गई थी।पांच शवों का अंतिम संस्कार बुधवार को ही कर दिया गया था। वहीं, गुरुवार दोपहर को चमोली बाजार के पास अलकनंदा नदी के किनारे सभी 11 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया। जिन 11 लोगों का अंतिम संस्कार हुआ उनमें दस लोग हरमनी गांव और एक पाडुली गांव का है।
चमोली में हुए करंट हादसे में तीन गांवों के 14 लोगों की मौत हुई है। इसमें सबसे अधिक हरमनी गांव से 10 लोगों की मौत हुई है। खास बात यह है कि मरने वालों में नौ लोग 22 से 38 साल के बीच के हैं।

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रांगतोली से दो और पाडुली गोपेश्वर से दो लोगों की मौत हुई है। मृतकों में सबसे कम उम्र के 22 साल के हरमनी निवासी प्रमोद कुमार हैं। अन्य 30 से कम उम्र वालों में रंगतोली के 24 साल के सुमित असवाल, पाडुली गोपेश्वर के विपिन 26 साल, हरमनी के सुरेंद्र कुमार 26 साल भी शामिल हैं।

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