नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू होने का राजनीतिक असर भी होगा। बीजेपी को इससे पश्चिम बंगाल में फायदे की उम्मीद है। पश्चिम बंगाल के बीजेपी सांसद कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर जल्दी सीएए लागू करने की मांग करते रहे हैं। बीजेपी नेताओं ने वादा किया था कि जल्द ही सीएए लागू होगा। अधिसूचना का ऐलान होते ही पश्चिम बंगाल बीजेपी ने जश्न मनाया। हालांकि, असम में अखिल असम छात्र संघ (आसू) ने विरोध का और आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है। आसू का कहना है कि नॉर्थ-ईस्ट भारत देश के दूसरे हिस्सों से इस लिहाज से अलग हो जाता है, क्योंकि यहां सबसे बड़ी तादाद में घुसपैठिए दाखिल हुए हैं।
सीएए की अधिसूचना जारी होते ही बीजेपी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट किया- जो कहा सो किया… मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना जारी कर पूरी की अपनी गारंटी। इसमें टाइम लाइन भी दी गई है। जिसमें कहा है कि सीएए 1955 में बदलाव के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 में संसद में पेश किया गया। यह 10 दिसंबर 2019 को लोकसभा और इसके अगले दिन राज्यसभा में पास हुआ। 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही सीएए कानून बना और आज केंद्र सरकार ने सीएए की अधिसूचना जारी कर दी।