जोशीमठ। अपने भक्तों से विदा लेकर सोमवार को बधाण और दशोली की मां नंदा की डोली कैलाश के लिए रवाना हो गई है। भूमियाल देवता (देव निशान) की अगुवाई में दशोली की मां नंदा अपने पहले रात्रि प्रवास के लिए लुंतरा गांव और बधाण की डोली चरबंग पहुंची। इस दौरान हजारो श्रद्घालुओं ने मां नंदा की पूजा-अर्चना कर मनौतियां मांगी। नंदा भक्तों ने मंदिर में जागर गाकर अपनी आराध्य देवी को विदाई दी। पड़ावों में देवी भक्तों ने मां नंदा की डोली का फूल-मालाओं से स्वागत किया। क्षेत्र की महिलाओं और ध्याणियों ने मां नंदा को श्रृंगार सामान भेंट किया।
बीते शनिवार को मां नंदा की डोली को कुरुड़ मंदिर के गर्भगृह से सभा मंडप में विराजमान कर दिया गया था। दो दिनों तक भक्तों ने यहां मां नंदा की पूजा-अर्चना की। सोमवार को तड़के से ही मां नंदा के सिद्धपीठ कुरुड़ में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था। कुरुड़ गांव के आचार्य ब्राह्मणों द्वारा देव डोलियों पर वेद मंत्रों से शक्ति चढ़ाई गई। अपराह्न दो बजे तक मां नंदा की विशेष पूजाएं संपन्न हुई। तीन बजे दशोली और बधाण की मां नंदा की डोलियों का श्रृंगार किया गया। करीब एक घंटे तक नंदा की आरती हुई। मां नंदा की डोलियां कैलाश के लिए रवाना हुई।
![](https://uttarakhandcitynews.com/wp-content/uploads/2024/07/Ad-AanchalHarela.jpg)
![](https://uttarakhandcitynews.com/wp-content/uploads/2021/09/UttarakhandCityNews_logo_v2.12x.png)