उत्तराखण्ड

दु:खद रुद्रपुर के परिवार का सीतापुर के पास सड़क हादसा. चार की मौत।।

सीतापुर-लखनऊ राजमार्ग पर एक सड़क हादसे में चार लोगों की मौत की खबर आ रही है उक्त रुद्रपुर से बारात में शामिल होकर कार से जा रहे थे जहां खैराबाद के बिनौरा के पास कार दुर्घटनाग्रस्त होने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि एक अन्य रिश्तेदार भी इस हादसे का शिकार हुआ।पुलिस के मुताबिक दुर्घटना में मरने वाले लोग अयोध्या जिले के रहने वाले थे और अपनी कार से उत्तराखंड से वापस आ रहे थे। सीतापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) चक्रेश मिश्रा ने बताया कि उत्तराखंड से लौट रहे इन लोगों की कार यहां कंक्रीट स्पन पाइप से लदे ट्रक से टकरा गई।

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इस हृदय विदारक घटना की सूचना गुरुवार को रुद्रपुर

में रॉयल रेजीडेंसी बगवाड़ा में रहने वाले परिजनों को जैसे ही मिली तो चीख-पुकार मच गयी। आस पड़ोस के लोग परिजनों को ढांढ़स बंधाते रहे, लेकिन उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। रात में परिजन यहां से रवाना हो गए। आज शुक्रवार को फैजाबाद में शवों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को बगवाड़ा क्षेत्र के एमवे टाउन से ऋषभ पुत्र विजय की बारात अयोध्या के रौनाही गांव जा रही थी। बारात में एक बस के साथ दो कारें शामिल थीं। ऋषभ के रिश्तेदार रामदास मौर्या (62) पुत्र कांशीराम, अविनाश मौर्या उर्फ सोनू (25) पुत्र रामदास और अंकुर मौर्या (18) पुत्र रामदास निवासी रॉयल रेजीडेंसी बगवाड़ा भी बारात में शामिल थे। वह अपने साढ़ू लेखराज मौर्या (35) के साथ ही अपनी कार से गए थे। वहीं खैराबाद थाना क्षेत्र के बिनौरा के पास समदेपुर गांव के सामने अचानक कार ट्रक की चपेट में आ गई। हादसे में चारों की मौत हो गई। वहीं जैसे ही इस हृदय विदारक हादसे की सूचना कंपनी के लोगों ने रुद्रपुर में परिजनों को दी तो घर में चीख-पुकार मच गयी। रामदास मौर्या की पत्नी संगीता और बहू रिंकी का रो-रोकर बुरा हाल था। पड़ोसी महिलाएं और अन्य रिश्तेदार घर पहुंचे और उन्हें ढांढ़स बंधाते रहे, लेकिन वे रो-रोकर बेसुध हो जा रही थीं। इस दौरान अन्य लोगों की भी आंखें नम हो जा रही थीं। रात करीब नौ बजे परिजन ताला लगाकर यहां से रवाना हो गए।
पड़ोसियों से मिली जानकारी के मुताबिक, रामदास मौर्या का बड़ा बेटा अविनाश मौर्या और छोटा बेटा अंकुर मौर्या सिडकुल में एक कंपनी में काम करते थे। रामदास मौर्या भी सिडकुल की टीवीएस श्री चक्रा कंपनी से रिटायर हुए थे। पड़ोसियों ने बताया कि करीब सात-आठ साल पहले ही रामदास मौर्या ने यहां मकान बनाया था। करीब 15 साल पहले परिवार यहां आया था।

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