उत्तराखंड राज्य की टॉपर प्रियांशी पायलट बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं।
पिथौरागढ, गंगोलीहाट,; गंगोलीहाट के जंगम बाबा शंकर गिरि इंटर कॉलेज (जेबीएसजी) की छात्रा प्रियांशी रावत ने उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में 500 में से 500 अंक हासिल कर राज्य में पहला स्थान हासिल किया है। प्रदेश में टॉप कर सीमांत पिथौरागढ़ का नाम रोशन करने वाली प्रियांशी की इस उपलब्धि से पूरे जिले में खुशी का माहौल है।
प्रियांशी के पिता राजेश रावत पूर्व सैनिक हैं और वर्तमान में बेरीनाग व्यापार संघ के अध्यक्ष हैं। वह हार्डवेयर और गिफ्ट सेंटर की दुकान चलाता है। प्रियांशी की मां रजनी रावत शिक्षिका हैं। प्रियांशी रावत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बेरीनाग से की। प्रियांशी की सफलता पर बेरीनाग और गंगोलीहाट में खुशी की लहर है। उसकी सफलता पर विद्यालय के प्रधानाचार्य विमल कोठारी, प्रबंधक नरेंद्र रावल, महेंद्र दसौनी, अनिल बिष्ट, आशीष कुमार ने बधाई दी है।
उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में प्रदेश टॉपर प्रियांशी वायुसेना में अफसर बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं। प्रियांशी ने बताया कि जब उसने परीक्षा दी थी तो उसने सोचा था कि वह प्रदेश की मेरिट लिस्ट में अपनी जगह जरूर बनाएगी, लेकिन उसे नहीं पता था कि वह पूरे प्रदेश में टॉप करेगी. अपनी उपलब्धि से खुश प्रियांशी ने बताया कि वह हाईस्कूल में नियमित पढ़ाई करती थी। बोर्ड परीक्षा को लेकर उन्होंने खुद पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला. माता-पिता ने भी लगातार उसका मनोबल बढ़ाया।
प्रियांशी ने कहा कि कई छात्र बोर्ड परीक्षा में अपने ऊपर दबाव ले लेते हैं जबकि पढ़ाई के दौरान किसी भी तरह का दबाव नहीं लेना चाहिए और आप जो भी विषय पढ़ रहे हैं उसे पूरी रुचि के साथ पढ़ना चाहिए. यदि आप दबाव महसूस नहीं करेंगे तो आप हर परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। प्रियांशी ने बताया कि उनके पिता ने सेना में रहकर देश की सेवा की है. वह भी वायुसेना में अफसर बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं। प्रियांशी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, चाचा-चाची और गुरुजनों को दिया है। प्रियांशी का कहना है कि उनके माता-पिता समय-समय पर उनका मार्गदर्शन करते रहे। यही कारण है कि वह इतना बेहतर प्रदर्शन कर पाई है।’
प्रियांशी ने रामलीला में भी राम का किरदार निभाया है.
हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में प्रदेश टॉप करने वाली प्रियांशी एक अच्छी कलाकार भी हैं। प्रियांशी की यह सफलता निश्चित रूप से कठिन पहाड़ी इलाकों में रहने वाले बच्चों को बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगी। शिक्षा, लेखन और सामाजिक सरोकारों से जुड़े प्रेम प्रकाश उपाध्याय समेत कई लोगों ने प्रियांशी की सफलता को अद्भुत उपलब्धि बताया है और उन्हें शुभकामनाएं दी हैं.
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