अल्मोड़ा

बिग ब्रेकिंग (लालकुआं)राम नगीना. और अख्तरिया की नगीना कॉलोनी की संघर्ष भरी दास्तां. कैसे की थी दोनों ने इस कॉलोनी की स्थापना. पढ़ें एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ।।

लालकुआं -:अख्तरिया और राम नगीना के द्वारा स्थापित की गई नगीना कॉलोनी का आखिरकार वजूद लगभग समाप्त हो गया 80 के दशक में रोजगार की तलाश में लालकुआं पेपर मिल में मजदूरी मेहनत कर जीवन यापन करने वाले राम नगीना ने पुरानी रेलवे ठोकर लाइन के पीछे झोपड़ी बनाकर इस कॉलोनी की स्थापना की जहां मीटर गेज पर चलने वाले कोयले के इंजनों से गिरने वाले कोयले की झाड़ से जला कोयला चुनकर अपना पेट भरने वाली युवा अख्तरिया ने राम नगीना के इस मुहिम का जमकर साथ दिया और दोनों ने एक साथ रहकर इस कॉलोनी को धीरे धीरे इस मुकाम तक पहुंचा दिया. गरीबी की मार और तंगहाली ने राम नगीना को धीरे-धीरे शराब का लती बना दिया वही अख्तरिया भी रेल पटरियों में कोयले को चुन-चुन कर होटलों. चाय की भट्टियों में कोयला बेच कर अपना पेट पालते रही और धीरे-धीरे राम नगीना और अख्तरिया कि यह कॉलोनी बृहद रूप ले चुकी थी. इस बीच राम नगीना की जहां बीमारी के चलते मौत हुई वही उसके कई साल बाद अख्तिरया का भी निधन हो गया. लेकिन यह नगीना कॉलोनी धीरे-धीरे अपना बृहद रूप लेती गई जिस समय इस कॉलोनी में झुग्गी झोपड़ियों का बढ़ावा हो रहा था उस समय रेलवे इसको मूकदर्शक बनकर देखता रहा यदि उसी समय वहां हो रहे जैसा कि रेलवे बता रहा है कि यह अतिक्रमण है तब रोक दिया जाता तो आज इस तरह के हालात नहीं होते एक एक परिवार जोड़कर जहां आज 400 परिवार में तब्दील हुआ यह रेलवे की बहुत बड़ी चूक रही. या यह कहें कि रेलवे ने मूकदर्शक होकर इस पूरी कॉलोनी को बसाने की अपनी मौन सहमति दी थी। आज जब हाईकोर्ट ने इस पर अपना निर्णय दिया तो रेलवे ने आनन-फानन में बड़ा निर्णय लेते हुए इस कॉलोनी को जमींदोज कर दिया जहां अब यहां रह रहे लोगों को सर की छत चली गई वही मासूम बच्चे भूखे प्यासे और धूप में भटकते हुए देखे गए. कुल मिलाकर अख्तिरया और राम नगीना की इस कॉलोनी में ग्रहण पूरी तरह से लग चुका है रेलवे जहां पिटलाइन को लेकर लंबी दूरी की ट्रेन के संचालन की बात कर रहा है वही रेलवे स्टेशन को अमृत योजना के तहत इसके सौंदर्यीकरण भी बड़ी बजह है वैसे भी कबूतर खाने की तरह लग रहा लालकुआं रेलवे स्टेशन का नया बना परिसर का सौंदर्यीकरण होना है।
रेलवे की माने तो लालकुआं रेलवे स्टेशन को नई सुविधाओं के साथ ही पुरानी सुविधाओं के साथ अपग्रेड किया जायेगा, जिसके लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा चुका है तथा इसी लक्ष्य के साथ चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा। मुख्यप्रवेश द्वार के सरकुलेटिंग एरिया के विकास तथा स्थानीय कला एवं संस्कृति को शामिल करते हुए स्टेशन का सौंदर्यीकरण, ’’प्लेटफार्म सरफेस’’ का अपग्रेडेशन, ’स्टेशन फसाड’ तथा स्टेशन परिसर में उन्नत लाईटिंग, कोच गाइडेंस सिस्टम, ट्रेन डिस्पले बोर्ड, डिजिटल घड़ियॉ, यात्री उदघोषणा प्रणाली, सोलर प्लांट, वाटर कूलर, एयर कंडीशनर तथा विभिन्न यात्री सुविधाओं से संबंधित ग्लोसाइन बोर्ड (साइनएज), एल.ई.डी. स्टेशन नाम पट्टिकाओं तथा स्टेशन पर स्थित यात्री प्रतीक्षालय व शौचालयों का आधुनिकीकरण इत्यादि कार्य अमृत योजना के तहत होने हैं तब कहीं जाकर आने वाले समय में लंबी दूरी की ट्रेनें का भी संचालन यहां से प्रारंभ हो सकता है। लेकिन इन सबके बीच गरीबों के सर से छत चला जाना सबसे बड़ा दुखद पहलू है ।

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