Uttarakhand city news Dehradun उत्तराखंड राज्य मौसम विभाग ने 5 फरवरी तक बरसात और हिमपात को लेकर नई ताजा अपडेट दी है 1 फरवरी एवं 3 फरवरी को राज्य के अनेक जनपदों में 3500 मी या उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तथा चार फरवरी एवं 5 फरवरी को 3000 मीटर है उसे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बर्फबारी और वर्षा होने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है जबकि मौसम विभाग ने 4 फरवरी को कई जनपदों में येलो अलर्ट जारी करते हुए गरजन के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना व्यक्त करते हुए कहीं-कहीं बिजली गिरने से जान माल की हानि की भी संभावना जताई है ।
आज से मौसम का मिजाज बदलने की संभावना है। देहरादून सहित आसपास के क्षेत्र में आंशिक बादल छा सकते हैं और कहीं-कहीं हल्की बारिश भी होने की उम्मीद है। उत्तराखंड में फिलहाल मौसम शुष्क बना हुआ है। पहाड़ों से लेकर मैदानी जिलों तक तेज धूप निकलने के कारण इन दिनों गर्मी का अहसास होने लगा है। देहरादून का अधिकतम तापमान भी 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
मौसम विभाग के अनुसार आज देहरादून सहित आसपास के क्षेत्रों में आंशिक बादल मंडरा सकते हैं और कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हो सकती है। शुक्रवार को देहरादून में सुबह से ही धूप खिली रही, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में भी तेज धूप निकलने के कारण ठंड कम हो गई है। हालांकि, सुबह और शाम के समय ठिठुरन भरी ठंड हो रही है। क्षेत्र में न्यूनतम तापमान सामान्य बना हुआ है, लेकिन पाला पड़ने के कारण सुबह और शाम के समय ठंड हो रही है।
कहां कितना तापमान रहा
वहीं, मैदानी क्षेत्र में क्षेत्र में कोहरा छाने के कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। शुक्रवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 25.0 और न्यूनतम तापमान 7.9 डिग्री सेल्सियस रहा। उधम सिंह नगर का अधिकतम तापमान 25.1 और न्यूनतम तापमान 5.7 डिग्री सेल्सियस रहा। मुक्तेश्वर कातापमान 16.2 और न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नई टिहरी का अधिकतम तापमान 15.6 और न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली और आसपास के क्षेत्र में आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। कहीं-कहीं गरज चमक के साथ हल्की बारिश और बौछार पड़ने के आसार हैं, जिससे पारे में भी गिरावट आ सकती है। अगले तीन दिनों तक भी प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। बता दें कि उत्तराखंड में जनवरी महीने में बारिश नहीं हुई है। विगत वर्ष भी बारिश न के बराबर ही हुई थी, जबकि इस बार भी जनवरी महीना लगभग सूखा बीत गया है।
1 से 4 फरवरी के बीच उत्तर-पश्चिम भारत में वर्षा और हिमपात के रूप में राहत मिलेगी। यह न केवल सूखे जैसी स्थिति को दूर करेगा बल्कि कृषि के लिए भी लाभदायक होगा। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद ठंडी हवाएं पूरे क्षेत्र में ठंड बढ़ा सकती हैं, जिससे आगे मौसम की कठिन परिस्थितियां देखने को मिल सकती हैं।