देहरादून। उत्तराखंड में सरकारी नौकरी की राह देख रहे बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने युवाओं के साथ किया बड़ा वायदा पूरा कर लिया है। यानी चयन (सेलेक्शन) के बाद लम्बे समय तक जॉइन न करने तथा वेटिंग लिस्ट को लटकाने में अब मनमानी नहीं चलेगी। सरकार ने स्पष्ट शासनादेश जारी कर कहा कि राज्य के सभी आयोग और चयन एजेंसियों को अभ्यर्थियों के चयन के तीन माह के भीतर नियुक्ति देनी होगी और चयनित अभ्यर्थियों को एक माह के भीतर ज्वाइनिंग देनी होगी। अन्यथा इसके बाद एकल संवर्ग में वेटिंग लिस्ट और अन्य के मामलों में पदों को रिक्त माना जाएगा।
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राज्य में नौकरियों में घपले- घोटाले के बाद सरकार ने कई स्तर पर पारदर्शी व्यवस्था बनाई है। इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे हैं। भर्ती चयन आयोगों और एजेंसियों के संचालन को बड़े फैसले के बाद मुख्यमंत्री धामी सरकार ने बेरोजगार युवाओं को नौकरी के लिए दर दर भटकने और लंबा इंतजार पर भी कड़े फैसले लिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में चयन आयोगों द्वारा एडवांस कैलेंडर जारी करना, कैलेंडर के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की कवायद शुरू कर दी है। अब चयन और प्रतीक्षा सूची पर भी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इसकी विधिवत नियामवली जारी कर दी है। इस नियामवली के अनुसार ही अब उत्तराखंड राज्य की सेवाओं में अभ्यर्थियों की चयन सूची और प्रतीक्षा सूची (वेटिंग लिस्ट) जारी होगी। यानी नई नियमावली में न तो चयन समिति की और न ही चयनित अभ्यर्थियों की मनमानी चलेगी।
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आज कार्मिक एवं सतर्कता विभाग की इस नियमावली में सपष्ट किया गया है कि अभ्यर्थियों के चयन यानी परिणाम जारी होने के तीन माह के भीतर हर हाल में नियुक्ति देनी होगी। नियमावली में चयनित अभ्यर्थियों को भी चयन के बाद एक माह के भीतर ज्वाइनिंग देनी होगी। अभी तक परीक्षा के बाद लम्बे समय तक परिणाम लटकाए रखना और यदि परिणाम जारी हुआ भी तो नियुक्ति पत्र लटकाए रखने में खूब मनमानी चलती थी। इसी तरह चयन के बाद अभ्यर्थी भी कई बार एक से अधिक नौकरी में चयन पर पदों को ब्लॉक कर जॉइनिंग करने में नफा नुकसान का आंकलन कर मनमानी करते थे। लेकिन अब यह मनमानी नहीं चलेगी।
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उत्तराखंड में नियमावली सभी विभागों के समूह क, ख, ग के सीधी भर्ती के सभी पदों पर लागू होगी। किसी अन्य सेवा नियमावली या उस समय लागू आदेशों में निहित किसी प्रतिकूल बात के होते हुए भी इस नियमावली के उपबंध प्रभावी होंगे। चयनित अभियर्थियों की संस्तुतियां प्राप्त होने के बाद विभाग को तीन माह के भीतर नियुक्ति आदेश जारी करना होगा। साथ ही अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण करने के लिए एक माह का समय दिया जाएगा।
वेटिंग और रिक्तियां पर ये नियम लागू
अपरिहार्य परिस्थितियों में इसे एक माह और बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा यह भी स्पष्ट किया गया है कि चयनित अभ्यर्थियों की सूची का प्रयोग नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा सूची प्राप्त होने की तिथि से एक वर्ष बाद किसी भी सेवा में हुई रिक्ति को भरने के लिए नहीं किया जाएगा। जो अभ्यर्थी तय समय के भीतर ज्वाइनिंग नहीं देते हैं तो उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी जाएगी और इससे उत्पन्न रिक्ति को आगामी चयन के लिए भेज दिया जाएगा। हालांकि, एकल संवर्ग में प्रतीक्षा सूची से चयन की कार्रवाई की जा सकेगी।
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