शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शासन द्वारा निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत शासनादेश संख्या 232 के तहत विद्यालय में बच्चों के प्रवेश हेतु संशोधन जारी किया गया है उक्त जानकारी देते हुए उत्तराखंड राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद नैनीताल के जिला मंत्री डिकर सिंह पडियार ने कहा है कि तमाम शिक्षकों द्वारा दूरभाष और सोशल मीडिया के द्वारा शासनादेश में
विद्यमान खंड को पढ़कर अपनी राय रखी जा रही है कि इस शासनादेश में कुछ नहीं है. लेकिन विद्यमान खंड का मतलब है कि वर्तमान शासनादेश क्या था और एतद द्वारा प्रतिस्थापित खंड उसमें शासन द्वारा क्या संशोधन किया गया है.आरटीई भारत सरकार द्वारा लागू अधिनियम है, किंतु शिक्षा समवर्ती सूची में होने के कारण राज्य अपने यहां आवश्यकतानुसार संशोधन कर सकता है.इसी के तहत संघ द्वारा सरकार के सम्मुख बच्चों के एडमिशन पूर्व की भांति 5 प्लस पर करने हेतु मांग रखी गई थी. इसी के तहत प्रतिस्थापित खंड में शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि कक्षा -01 में अध्ययन की अनुमति पूर्व वर्षो की भांति दी जाएगी स्पष्ट उल्लेख किया गया है तथा उसके आगे की पढ़ाई में निरंतरता में कोई व्यवधान नहीं होगा|
श्री पडियार ने कहा कि विगत वर्षों की भांति 5 वर्ष पूर्ण कर चुके बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश दिया जाएगा, कहीं किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं होनी चाहिए उन्होंने सभी शिक्षक साथीयों से उक्त शासनादेश के अनुसार अग्रिम कार्रवाई करने का आह्वान किया।