सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में धांधली कराने वाले मध्य प्रदेश के गिरोह का पौड़ी पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है पकड़ा गया आरोपी एस0एस0बी0 की भर्ती परीक्षा में फर्जी मुन्नाभाई बनकर सम्मिलित हुआ था जो फरार चल रहा था जिसे पौड़ी पुलिस ने गिरफ्तार किया इससे, पूर्व एक फौजी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है
- अप्रैल को आशीष कुमार, कमांडेन्ट केन्द्रीयकृत प्रशिक्षण केन्द्र एस0एस0बी0 श्रीनगर गढ़वाल ने कोतवाली श्रीनगर पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि रामबृज पुत्र रामसेवक, निवासी ग्राम बीच का पुरा, तहसील व थाना अम्बाह, जिला मुरैना म0प्र0 ने एस0एस0बी0 द्वारा आयोजित परीक्षा में फर्जी दस्तावेजों व फर्जी फोटो, थम इम्प्रेशन आदि का प्रयोग करते हुये फर्जी अभ्यर्थी बनकर धोखाधडी की है। इस प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर तत्काल कोतवाली श्रीनगर में मु0अ0सं0-30/2024, धारा- 419/420/467/468/471 भादवि पंजीकृत किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी लोकेश्वर सिंह द्वारा धोखाधड़ी से सम्बन्धित अभियोग की गम्भीरता को देखते हुए घटना की स्वंय मॉनिटरिंग करते हुये प्रभारी निरीक्षक श्रीनगर को तत्काल टीम गठित कर धोखाधड़ी करने वाले अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी करने के आदेश दिए थे जिस पर एक टीम का गठन किया गया। गठित टीम द्वारा अभियुक्त रामबृज पुत्र रामसेवक, निवासी ग्राम बीच का पुरा, तहसील व थाना अम्बाह, जिला मुरैना म0प्र0 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अभियोग उपरोक्त में दौराने विवेचना प्रकाश में आया कि अभियुक्त रामबृज व उसका छोटा भाई विकास व उसके अन्य साथी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में उचित रकम लेकर फर्जी दस्तावेज बनाकर दूसरे अभ्यार्थियों की जगह परीक्षा में सम्मिलित होकर धोखाधड़ी करते है। पुलिस टीम द्वारा अभियोग उपरोक्त में संलिप्त अभियुक्त विकास जो लगातार फरार चल रहा था, को पुलिस टीम द्वारा दिनाँक 24. अप्रैल को श्रीनगर से गिरफ्तार कर अभियुक्त को मा. न्यायालय के समक्ष पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
पकड़े गए आरोपी रामबृज पुत्र रामसेवक ने बताया कि वर्ष-2020 में वह भारतीय सेना की 27 राजपूत रेजमेन्ट मे भर्ती हो गया था और उसे मोबाइल पर सट्टा व जुआ खेलने की आदत हो गयी थी जिस कारण उसके ऊपर काफी लोगों का कर्जा हो गया था जिस कारण वह वर्ष-2022 में आर्मी की नौकरी छोड़कर घर आ गया था। अभियुक्त व उसका छोटा भाई विकास अपने साथियों के साथ मिलकर सरकारी नौकरी हेतु विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें शारीरिक व लिखित परीक्षा में पास कराने का ठेका लेते थे एवं अभियुक्त रामबृज अभ्यर्थियों के बदले फिजिकल परीक्षा देता था और उसका छोटा भाई विकास व उसके दोस्त प्रतियोगी परीक्षा की लिखित परीक्षाओं में अभ्यार्थी के बदले परीक्षा देते थे एवं उनके अन्य फर्जी आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास एंव एडमिट कार्ड पर एडिटिंग कर फर्जी दस्तावेज बनाने का काम करते थे। अभियुक्तों द्वारा अभी तक कई अभ्यर्थियों से लाखों रूपये लेकर उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराया गया है। दिनाँक 22.04.2024 को स्किल टैस्ट व मेडिकल के दौरान एस0एस0बी0 के द्वारा हमें फर्जीवाड़ा करते हुये पकड़ लिया गया। पौड़ी न्यूज़