उत्तराखण्ड

(बड़ीखबर) उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने राज्य आंदोलनकारी से सबंधित इस परीक्षा परिणाम की यह विज्ञप्ति की जारी ।।

उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य सिविल / प्रवर अधीनस्थ परीक्षा-2010 एवं उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य सिविल / प्रवर अधीनस्थ परीक्षा-2012 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी / आश्रितों हेतु आरक्षण के संबंध में श्री सुभाषचन्द्र सिंह नेगी एवं अन्य के विभिन्न तिथियों में आयोग कार्यालय को प्राप्त प्रत्यावेदनों के माध्यम से उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के चिन्हित आन्दोलनकारियों या उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण अधिनियम, 2023 के आलोक में उक्त परीक्षाओं का परिणाम घोषित किये जाने का अनुरोध किया गया है।

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2- उक्त के संबंध में अवगत कराना है कि जनहित याचिका संख्या-67/2011 के मा० उच्च न्यायालय में लम्बित होने के दृष्टिगत सम्मिलित राज्य सिविल / प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा-2010 के चयन परिणाम दिनांक 23.08.2014 में राज्य आन्दोलनकारी हेतु चिन्हित कुल 15 पदों एवं सम्मिलित राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा-2012 के चयन परिणाम दिनांक 27.07.2017 में राज्य आन्दोलनकारी हेतु चिन्हित कुल 14 पदों का परिणाम रोका गया था।

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3- तदोपरान्त याचिका-67/2011 में पारित मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल के आदेश दिनांक-07.03. 2018 के अनुपालन में उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों के लिए राज्याधीन सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण निरस्त किये जाने के क्रम में पी०सी०एस० परीक्षा-2010 एवं पी०सी०एस० परीक्षा-2012 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी के क्रमशः 15 पदों एवं 14 पदों को आयोग कार्यालय के पत्र संख्या-455/01/ई०-1/2010-11 एवं 458/01/ई0-1/ पी०सी०एस०-12/2013-14, दिनांक 03 जनवरी, 2019 द्वारा शासन को प्रत्यावर्तित कर दिया गया है।

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तदक्रम में प्रश्नगत परीक्षाओं के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी के पदों को शासन को प्रत्यावर्तित किये जाने के क्रम में आयोग स्तर से कोई कार्यवाही अपेक्षित नही है। अतः उक्त परिप्रेक्ष्य में मा० आयोग द्वारा सम्यक् विचारोपरान्त सुभाषचन्द्र सिंह नेगी एवं अन्य द्वारा प्रत्यावेदन में किये गये उक्त अनुरोध को अस्वीकार करते हुए प्रार्थना पत्र को निस्तारित कर दिया गया है।

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