उत्तराखण्ड

(बड़ी खबर)आईआईटी रुड़की मे सेबी एवं एनएसई ने वित्तीय साक्षरता को लेकर छात्रों को दिए टिप्स ।।

सेबी एवं एनएसई ने वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी रुड़की में क्षेत्रीय निवेशक सेमिनार का आयोजन किया

· 200 से ज़्यादा छात्र निवेशक जागरूकता सत्रों में शामिल हुए

· सेमिनार में ज़िम्मेदार वित्तीय योजना एवं बाज़ार के अवसरों पर प्रकाश डाला गया

· निवेशक सुरक्षा एवं रणनीतिक निर्णय लेने पर केंद्रित इंटरैक्टिव सत्र

आईआईटी रुड़की, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) एवं भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की में एक क्षेत्रीय निवेशक जागरूकता संगोष्ठी (आरआईएसए) का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य वित्तीय साक्षरता बढ़ाना, निवेशक जागरूकता को बढ़ावा देना और छात्रों को सूचित एवं ज़िम्मेदार वित्तीय निर्णय लेने के लिए ज्ञान से लैस करना था।

आईआईटी रुड़की के 200 से अधिक छात्रों ने भारत के पूंजी बाजार, निवेश के अवसरों एवं जोखिम प्रबंधन पर इंटरैक्टिव चर्चाओं, प्रश्नोत्तर सत्रों व विशेषज्ञ-नेतृत्व वाले संवादों में भाग लिया, तथा वित्तीय नियोजन एवं बाजार भागीदारी की गतिशीलता को समझने में गहरी रुचि दिखाई।

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सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में सेबी के उप महाप्रबंधक श्री भारतेंद्र कुमार गुप्ता एवं एनएसई के उपाध्यक्ष श्री जोगिंदर सिंह उपस्थित थे। दोनों ने वित्तीय अनुशासन, निवेशक सुरक्षा तंत्र एवं भारत के समावेशी आर्थिक विकास में युवाओं की भूमिका के महत्व पर ज़ोर दिया

गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, आईआईटी रुड़की के प्रबंधन अध्ययन विभाग के प्रमुख, प्रो. रजत अग्रवाल ने छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक जीवन कौशल प्रदान करने में इस तरह की पहल के महत्व पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम का समन्वयन आईआईटी रुड़की की डीओएमएस प्रो. प्राची जैन ने किया और इसका नेतृत्व एनएसई यूपी क्षेत्र के नियामक विभाग की प्रभारी, सीएस श्रुति शर्मा ने किया, जिन्होंने युवाओं में वित्तीय साक्षरता को मज़बूत करने के लिए एनएसई की प्रतिबद्धता दोहराई।

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आईआईटी रुड़की के निदेशक, प्रो. कमल किशोर पंत ने कहा, “वित्तीय साक्षरता एक महत्वपूर्ण जीवन कौशल है, व आईआईटी रुड़की को ऐसे कार्यक्रमों की मेजबानी करने पर गर्व है जो हमारे छात्रों को न केवल इंजीनियर एवं प्रबंधक के रूप में, बल्कि एक ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में भी तैयार करते हैं। सेबी एवं एनएसई के साथ सहयोग भविष्य के वित्तीय रूप से जागरूक और सशक्त नेताओं को आकार देने में अत्यधिक उपयोगी साबित होगा।”

सेबी के उप महाप्रबंधक, श्री भारतेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा, “निवेशकों की जागरूकता वित्तीय धोखाधड़ी एवं कदाचार के विरुद्ध पहली सुरक्षा पंक्ति है। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से, सेबी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्र और युवा व्यावसायिक सोच-समझकर निर्णय लेने और भारत की वित्तीय स्थिरता में योगदान देने के लिए सक्षम हों।”

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आईआईटी रुड़की के एक छात्र प्रतिभागी ने बताया, “सेमिनार ने हमें वित्तीय नियोजन एवं निवेशक सुरक्षा के महत्व के बारे में व्यावहारिक जानकारी दी। यह समझना बहुत ही रोचक था कि बाज़ार कैसे कार्य करते हैं और आज हमारे वित्तीय निर्णय हमारे दीर्घकालिक भविष्य को कैसे आकार दे सकते हैं।”

आरआईएसए जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से, सेबी एवं एनएसई एक सूचित, जिम्मेदार व वित्तीय रूप से सशक्त भारत के निर्माण के अपने मिशन की पुष्टि करते हैं, तथा यह सुनिश्चित करते हैं कि युवा वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में अवसरों और चुनौतियों का सामना करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हों

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