हल्द्वानी
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने सोमवार की प्रातः कुमाऊ मण्डल में भारी बरसात एवं जलभराव के सम्बन्ध में आयुक्त दीपक रावत से हालात की जानकारी ली गई और आवश्यक निर्देश दिये गये।
गोपेश्वर (चमोली) से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुमाऊँ कमिश्नर, चम्पावत, ऊधम सिंह नगर और पिथौरागढ़ के जिलाधिकारियों सहित अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ क्षेत्र में हुई अत्यधिक वर्षा, इससे हुए नुकसान एवं राहत व बचाव कार्यों के संबंध में समीक्षा बैठक की।
इस दौरान अधिकारियों को राहत व बचाव कार्यों में तेजी लाने, विभागों को आपसी सामंजस्य बना कर कार्य करने एवं हर संभावित परिस्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए।
आयुक्त श्री रावत ने बताया कि कुमाऊं में अतिसंवेदनशील बाढग्रस्त, भूस्खलन क्षेत्रों में एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के टीमों की तैनाती कर दी गई है तथा जिन जनपदों में भूस्खलन तथा बाढ की सम्भावना बनी है उन स्थानों पर जिला प्रशासन मुस्तैद खड़ा है।
आयुक्त श्री रावत ने गौला नदी के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्टेडियम में भू-कटाव कटाव को देखते हुये मुख्य अभियंता सिचाई को मौके पर स्थलीय भ्रमण कर तत्काल फौरी राहत कराने निर्देश दिये और कहा कि दीर्घकालिक प्रस्ताव की डीपीआर आपदा मद से प्रोजेक्ट स्वीकृत कराकर कार्य प्रारम्भ करें।
आयुक्त श्री दीपक रावत ने बताया कि बनबसा इलाके में 24 घंटे में 430 मिमी बरसात होने पर बाढ़ जैसे हालात हुए हैं। जहां एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की एक-एक टुकड़ी रेस्क्यू अभियान में जुटी है और सेना से भी मदद की जा रही है।
कुमाऊं आयुक्त श्री रावत ने बताया की बनबसा के देवीपुरा क्षेत्र में भारी बारिश हुई है पिछले 24 घंटे में 430 मिमी बरसात होने के चलते कई इलाकों में पानी भरा है। एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ की टीमों का रेस्क्यू आपरेशन कर लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है। सेना के द्वारा दो राफ्ट और 40 जवान रेस्क्यू आपरेशन में कार्यरत हैं। बाढ ग्रस्त क्षेत्र पंचपकरिया इलाके में भी रेस्क्यू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डिग्री कॉलेज और इंटर कॉलेज में आपदा राहत कैंप बनाए गए हैं। लेकिन ज्यादातर लोगों ने अपने रिश्तेदारों के घर जाने की इच्छा जताई है। प्रशासन द्वारा राहत कैम्प में व्यवस्थायें मुहैया करा दी गई है।
उन्होेने बताया कि खटीमा बाढग्रस्त क्षेत्र में भी एनडीआरएफ, एसडीआरएफ जल पुलिस और स्थानीय प्रशासन का संयुक्त रेस्क्यू अभियान चल रहा है चकरपुर क्षेत्र और लोहिया हेड से 200 परिवारों को शिफ्ट किया गया है। उनमें से भी ज्यादातर अपने रिश्तेदारों के वहां और कुछ कैंप में रह रहे हैं। नानकमत्ता के बिछुआ क्षेत्र में 11 परिवारों को सुरक्षित निकल गया है। खटीमा के नौसर बाढग्रस्त क्षेत्रों के लिए रेस्क्यू टीमों को रवाना किया गया है। सितारगंज में भी एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही है, उपजिलाधिकारी मौके पर हैं। उन्होंने कहा कि कुछ ही देर में वह स्वयं और डीआईजी कुमाऊं खटीमा क्षेत्र का दौरा करने निकलेंगे।
कुमाऊं के टनकपुर तवा घाट हाईवे भूस्खलन की वजह से चार जगह पर बंद है जिसे खुलवाने का काम किया जा रहा है। मोहन भद्रोजखान में पनियाली में पुल जो क्षतिग्रस्त हुआ था, उक्त स्थान पर बैली ब्रिज बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होने बताया लगभग 15 दिन में बेली ब्रिज तैयार हो जाएगा। इसके अलावा कैंची धाम मार्ग को भी दिन में खोला जा रहा है क्योंकि वहां तीन-चार जगह पर संवेदनशील क्षेत्र हैं तथा रामगढ के वैकल्पिक मार्ग से यातायात को चलाया जा रहा है।