. Uttarakhand city news Dehradun -: देहरादून से बड़ी खबर आ रही है चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि वित्त एवं कार्मिक विभागों की सहमति से स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए निर्णय लिए गए हैं। सोमवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों की समीक्षा बैठक में इन निर्णयों पर चर्चा की गई।
रावत ने कहा कि बैठक में मेडिकल कॉलेजों में संकाय सदस्यों की समयबद्ध पदोन्नति एवं स्थानांतरण के लिए नीति बनाने, सुपर स्पेशियलिटी डॉक्टरों को एम्स के समकक्ष वेतनमान प्रदान करने, सीनियर रेजिडेंट एवं जूनियर रेजिडेंट के मानदेय में वृद्धि करने, पर्याप्त आवास एवं सुसज्जित ट्रांजिट हॉस्टल सुविधाएं सुनिश्चित करने सहित प्रमुख मांगों पर चर्चा की गई।
उन्होंने आगे कहा कि नई बांड नीति के तहत सभी स्नातकोत्तर छात्रों से प्रशिक्षण पूरा करने के बाद अनिवार्य रूप से दो वर्ष राज्य में सेवा करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने सरकारी मेडिकल कॉलेजों के सफल संचालन के लिए कुशल पैरामेडिकल स्टाफ की आवश्यकता पर जोर दिया और नर्सिंग एवं पैरामेडिकल छात्रों के लिए वजीफे के प्रावधान का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि कर्मियों की क्षमता निर्माण के लिए नीति विकसित करने के साथ-साथ आउटसोर्सिंग के माध्यम से आवश्यकता के आधार पर पदों के सृजन का भी आह्वान किया गया।
रावत ने कहा कि बैठक में राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए वित्तीय सहायता का अनुरोध किया गया, जिससे कार्मिकों को महंगे उपकरणों की हैंडलिंग, कीटाणुशोधन और प्रबंधन पर राष्ट्रीय संस्थानों में प्रशिक्षण में भाग लेने की अनुमति मिल सके।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ कैडर की स्थापना पर भी चर्चा हुई, जिसमें पर्वतीय क्षेत्रों में कार्यरत विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरह वेतनमान का 50 प्रतिशत विशेष भत्ता स्वीकृत करने की मांग की गई। साथ ही सभी चिकित्सा अधिकारियों को वाहन भत्ता दिए जाने का सुझाव दिया गया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए बैठक में लिए गए निर्णयों को क्रियान्वित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।