बागेश्वर
कोविड-19 की चपेट में आए उत्तराखंड के प्रवासियों के लिए राज्य सरकार ने रोजगार सृजन के उपाय खोजने प्रारंभ कर दिए हैं।हर हाथ को काम मिले इसलिए सरकार ने लघु एवं कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भी पहल की है एवं युवाओं को इसमें आगे बढ़कर पर्वतीय क्षेत्र में लघु एवं मझोले उद्योग धंधे लगाने के लिए मुख्य मंत्री स्वरोजगार योजना का पूरा लाभ उठाने का भी आह्वान किया है।
महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, बागेश्वर के अनुसार उत्तराखंड शासन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम अनुभाग देहरादून द्वारा प्रदेश के ऐसे उद्यमशील युवओं, उत्तराखंड के ऐसे प्रवासियों जो कोविंड-19 के कारण उत्तराखंड राज्य में वापस आयें हैं, कुशल एवं अकुशल दस्तकारों एवं हस्तशिल्पियों तथा शिक्षित शहरी व ग्रामीण बेरोजगारों आदि को अभिप्रेरित कर स्वंय के उद्यम/व्यवसाय की स्थापना हेतु प्रोत्साहित करने के लिए उद्यम, सेवा अथवा व्यवसाय की स्थापना हेतु राष्ट्रीयकृत/अनुसंचित वाणिज्यिक बैंको, राज्य सहकारी बैंकों/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध करायें जाने के उद्देष्य से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना संचालित की गयी हैं। राज्य सरकार द्वारा संचालित इस योजना के अंतर्गत उद्यमशील युवाओं/युवतियों,उत्तराखंड के ऐसे प्रवासियों जो कोविंड़-19 के कारण उत्तराखंड राज्य में वापस आयें हैं, को योजनान्तर्गत बैंकों के माध्यम से सभी पात्र विनिर्माणक, सेवा व व्यवसायिक गतिविधियों की स्थापना के लिए वित्त पोशण किया जायेगा, तथा उक्त के सापेक्ष सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा योजनान्तर्गत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध करायी जायेंगी।
विनिर्माणक क्षेत्र के उद्यम के लिए परियोजना की अधिकतम लागत 25 लाख तथा संवा व व्यवसाय क्षेत्र के अधिकतम लागत 10 लाख होगी। योजनान्तर्गत में वर्गीकृत श्रेणी ए में मार्जिन मनी की अधिकतम सीमा व मात्रा कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत (विनिर्माण गतिविधि के लिए अधिकतम 6.25 लाख तथा सेवा व व्यवसायिक गतिविधि के लिए 2.50 लाख) उक्त में से जो कम हो, मार्जिन मनी के रूप में देय होगी।
योजनान्तर्गत आवेदक की आयु आवेदन के समय कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए तथा शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नही हैं। अधिक जानकरी व आवेदन पत्र विभागीय वेवसाईड व जिला उद्योग केंन्द्र, बागेश्वर से संपर्क किया जा सकता हैं।