रामनगर-: बाघों के संरक्षण के लिए प्रारंभ टाइगर प्रोजेक्ट कि आज 50 वीं वर्षगांठ पर जिम कार्बेट नेशनल पार्क के तत्वाधान में नगर पालिका परिषद सभागार में आयोजित कार्यक्रम में जैव विविधता के साथ वन्य जीव जंतु संरक्षण के प्रति उत्कृष्ट कार्य करने पर वन कर्मचारियों को सम्मानित किया गया इस दौरान कार्बेट नेशनल पार्क के निदेशक डॉ
धीरज पांडे ने बताया कि 1970 में केंद्र सरकार द्वारा शिकार पर प्रतिबंध लगाते हुए 1972 में जीव जंतु संरक्षण अधिनियम लागू कर दिया गया उस समय बाघों के लिए एक विशेष योजना पर काम शुरू हुआ तब देश में बाघों की कुल संख्या 1827 थी लेकिन टाइगर प्रोजेक्ट योजना अंतर्गत 2006 में गणना के फल स्वरुप बाघों की संख्या 107 हो गई थी इसके उपरांत 2910 में 186 एवं वर्ष 2014 की गणना के अनुसार कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 215 तथा 2020 की गणना के अनुसार कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत बाघों की संख्या 252 हो चुकी है यह कार्बेट टाइगर रिजर्व के लिए एक अच्छी उपलब्धि है । श्री पांडे के अनुसार बाघों के संरक्षण हेतु हमें जो लक्ष्य दिये गये थे, वह हमने 4 वर्ष पूर्व ही वर्ष 2018 में पूरा कर लिये है। तथा वर्ष 2018 में ही बाघों की संख्या दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि बाघों की संख्या में वृद्धि होने के साथ-साथ चुनौतियॉ भी बढ़ी है बाघों के अवैध शिकार और शिकारियों की रोकथाम आदि टाइगर रिजर्व हमेशा सतर्कता बरते हुए हैं
इस दौरान विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने बताया गया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा ई0डी0सी0, विलेज वाल्यून्ट्री प्रोटेक्टशन फोर्स, स्वंय सहायता समूह को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराये गये है तथा इस बात पर जोर दिया गया कि बाघ भी जरूरी है तथा साथ ही साथ इन वन्यजीवों से अगर रोजगार भी उपलब्ध कराया जा सके तो यही हमारे लिये बड़ा कदम होगा इस दौरान विभाग के कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य करने पर सम्मानित किया गया तथा चित्रकला प्रतियोगिता भी स्थानीय स्कूलों के बच्चों द्वारा की गई।