उत्तराखण्ड

बड़ी खबर(देहरादून) अनुसूचित जनजाति सीट विकास नगर को लेकर क्या मुन्ना सिंह चौहान जाएंगे हाई कोर्ट।।

Uttarakhand city news Dehradun भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने विकासनगर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद को अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लिए आरक्षित किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने दावा किया कि खटीमा, धारचूला, नानकमत्ता, मुनस्यारी और विकासनगर जैसे क्षेत्रों में जहां आदिवासी आबादी है, विकासनगर में सबसे कम आदिवासी आबादी है। इसके बावजूद विकासनगर को एसटी वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया है, जबकि खटीमा और धारचूला, जहां आदिवासी आबादी अधिक है, अनारक्षित हैं। पत्रकारों से बात करते हुए चौहान ने शहरी विकास निदेशालय (यूडीडी) द्वारा जारी अनंतिम आरक्षण सूची की आलोचना करते हुए कहा कि क्षेत्र में अपेक्षाकृत कम आदिवासी आबादी को देखते हुए विकासनगर को एसटी वर्ग के लिए आरक्षित करने का निर्णय अनुचित है। उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनावों के लिए हाल ही में स्वीकृत ओबीसी आरक्षण अध्यादेश के तहत जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, सरकार ने नगर निगमों, परिषदों और नगर पंचायतों के लिए अनंतिम रूप से आरक्षण श्रेणियां आवंटित की हैं। हालांकि चौहान ने तर्क दिया कि खटीमा और धारचूला में आदिवासी आबादी अधिक है, लेकिन वे अनारक्षित हैं। उन्होंने इस निर्णय को एक गंभीर गलती बताया और कहा कि वे यूडीडी के निदेशक के समक्ष औपचारिक आपत्ति दर्ज कराएंगे, तथा अधिकारियों से आरक्षण की स्थिति को संशोधित करने और विकासनगर को अनारक्षित छोड़ने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा कि आवंटन में विकासनगर के बजाय खटीमा और धारचूला जैसे अधिक जनजातीय आबादी वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। विधायक ने यह भी चेतावनी दी कि यदि फीडबैक के लिए दिए गए सात दिन की अवधि के भीतर उनकी आपत्ति का समाधान नहीं किया गया, तो वे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर विचार करेंगे। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की कि आरक्षण नीतियों को निष्पक्ष रूप से और संबंधित क्षेत्रों के जनसांख्यिकीय आंकड़ों के अनुरूप लागू किया जाए।

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