लालकुआं -: रेलवे की एक तकनीकी गलती एक रेल यात्री की जान पर भारी पड़ गई आधे घंटे तक रेल पायदान और प्लेटफार्म के बीच फसे रहकर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे इस यात्री की जान रेलवे के समाडि तकनीकी विभाग ने पायदान को खोल कर बुरी तरह से फंसे हुए रेल यात्री को बाहर निकाला कर बचाई लेकिन इन सबके बीच स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली भी सामने देखने को मिली और बाद में किसी तरह रेल यात्री को कोतवाली पुलिस की सहायता से 108 की मदद के द्वारा उसे सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचाया गया।
रेल की आधुनिकता के रूप में चल रही डेमू ट्रेन का यह मामला आज उस समय देखने को मिला जब हल्द्वानी में गमले बेचने का काम करने वाला मजदूर रामपाल लालकुआं रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ते समय उसका पैर ट्रेन के पायदान के बजाय पायदान के अंदर घुस गया जिससे वह व्यक्ति आधा घंटे तक ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच में ही फसा रहा।
बताया जाता है कि ठिलिया नवाजिशपुर थाना देवरनिया जिला बरेली निवासी रामपाल उम्र 50 वर्ष लालकुआं से बरेली को जा रहा था तथा चलती डेमू ट्रेन को पकड़ते समय यह हादसा हो गया और उसका पैर पायदान से फिसल कर रेल पटरियों के बीच जा घुसा. घटना घटते ही आनन-फानन में ट्रेन को रोका गया तथा रेलवे का प्रशासनिक अमले ने पहुंचकर पहले तो रेल यात्रियों को बाहर निकालने का प्रयास किया लेकिन असफल होने के बाद रेल कोच के पायदान को खोलकर उसको घायल अवस्था में बाहर निकाला। तथा केमिस्ट एसोसिएशन के डॉक्टर राजकुमार सेतिया द्वारा दर्द निवारक वा देने के बाद उसे 108 की सहायता से हल्द्वानी भेजा द्वारा यह सच है की चलती ट्रेन में रेल यात्री ने चढ़ने की गलती की लेकिन ट्रेनों के कोच में पैरों को रोकने वाले सपोर्ट ना होने के चलते यह हादसा हुआ। रेल के इंजीनियरिंग विभाग को इस घटना का संज्ञान लेते हुए इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो उस पर ध्यान देना होगा।
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