गोरखपुर 08 दिसम्बर, :
ऊर्जा बचत के क्षेत्र में पूर्वोत्तर रेलवे ने बड़ा काम करते हुए सदियों से आ रही परंपराओं को दरकिनार करते हुए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है जिसके चलते जहां बड़े पैमाने पर रेल खण्डों के विद्युतीकरण के फलस्वरूप गाड़ी संचालन में डीजल इंजन के स्थान पर विद्युत इंजन प्रयुक्त किए है वही, रेलवे आवासों, स्टेशन एवं कार्यालय भवनों में शतप्रतिशत एल.ई.डी. लाइट का प्रावधान कर स्टेशन भवनों एवं कार्यालयों में सोलर पैनल स्थापित करने के फलस्वरूप ऊर्जा बचत पर बड़ा काम किया है जिसका नतीजा है कि पूर्वोत्तर रेलवे ने परिवहन क्षेत्र के अन्तर्गत सभी क्षेत्रीय रेलों में नेशनल एनर्जी कंजर्वेशन अवार्ड-2021 का प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। यह पुरस्कार पूर्वोत्तर रेलवे को महाप्रबन्धक विनय कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में कर्मचारियों की अथक मेहनत और परिश्रम लगन के साथ प्राप्त हुआ है।
प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर ए.के.शुक्ला की देख-रेख में पूर्वोत्तर रेलवे पर बड़े पैमाने पर रेल खण्डों के विद्युतीकरण के फलस्वरूप गाड़ी संचलन में डीजल इंजन के स्थान पर विद्युत इंजन प्रयुक्त करने एवं 34 गाड़ियों में हेड आन जैनरेशन (एच.ओ.जी.) के प्रावधान, गोरखपुर स्टेशन के वाशिंग पिट पर पावर कार के टेस्टिंग हेतु 758 वोल्ट विद्युत आपूर्ति तथा प्रतिदिन एच.एस.डी. खपत की मानिटरिंग के फलस्वरूप वर्ष 2020-21 में 96365 किलोलीटर एच.एस.डी. खपत में कमी लाई गई, जिससे रू0 626 करोड़ के रेल राजस्व की बचत हुई। 54 स्टेशनों पर सोलर प्लान्ट लगाने एवं वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इससे पी.आर.एस. एवं यू.टी.एस. को जोड़े जाने, 3-फेज लोकोमोटिव के रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग का प्रयोग करने के सम्बन्ध में लोको पायलट की नियमित काउन्सिलिंग से ऊर्जा की बचत बड़े पैमाने पर की जा रही है।
कुल 20736 रेलवे आवासों, 393 कार्यालय भवनों एवं 389 स्टेशन भवनों में शत-प्रतिशत एल.ई.डी. लाइट प्रयुक्त किये जाने के कारण वर्ष 2020-21 में 58 लाख यूनिट विद्युत खपत में कमी के फलस्वरूप रू0 4.5 करोड़ के रेल राजस्व की बचत हुई। इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में 1541.54 के.डब्लू.पी. क्षमता के रूफटाप सोलर पैनल स्थापित करने एवं उन्हें चार्ज किये जाने के फलस्वरूप 34.62 लाख यूनिट सोलर एनर्जी की बचत हुई, जिससे रू0 1.18 करोड रेल राजस्व बचाई जा सकी।
रेलवे के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे पर अभी तक 75 प्रतिशत से अधिक रूट किमी. का विद्युतीकरण हो चुका है, जिसके फलस्वरूप गाड़ियों के डीजल इंजनों के स्थान पर विद्युत इंजनों से चलाये जाने से डीजल की बचत हुई। विदित हो कि पूर्वोत्तर रेलवे पर वर्ष 2018-19 में 433.21 रूट किमी., 2019-20 में 543.41 रूट किमी. तथा 2020-21 में 561.36 रूट किमी. रेल खण्डों का विद्युतीकरण पूर्ण किया गया ।