उत्तराखंड – नए शिक्षा सत्र में कॉपी-किताबों के दाम तो बढ़े ही हैं, स्कूल ड्रेस भी महंगी होने से बच्चों को लाने और ले जाने वाली बसों के किराए में भी इजाफा हुआ है जिसके बाद अभिभावकों की जेब पर बोझ बढ़ गया है। शिक्षा की उच्च गुणवत्ता की गारंटी देते देते अब स्कूलों ने भी हर स्तर से कमाई का साधन प्रारंभ कर दिया है हालात ऐसे हैं कि मध्य वर्गीय परिवार अपने बच्चों को स्कूलों में दाखिले के लिए महंगी फीस के चलते परेशान है इस बार स्कूल ड्रेस के दाम भी दस से 20 फीसदी तक बढ़ गए हैं। यही नहीं, अभिभावकों को खास दुकानों से महंगे दामों पर ही ये ड्रेस खरीदनी पड़ रही है।
शहर के ज्यादातर निजी स्कूलों में लोगो वाली कलर ड्रेस चलती है। जिनको अभिभावकों को खास दुकानो से ही खरीदना होता है। ऐसे में दुकानों पर जो रेट होते हैं वो लगभग तय होते हैं। ऐसे में अभिभावकों को मनमाने रेट पर ड्रेस खरीदनी पड़ती है। गर्मियों और सर्दियों की अलग ड्रेस होती है। वहीं सभी स्कूलों में ट्रैकशूट, कोट, स्वेटर और जूते आदि भी अलग से खरीदने पड़ते हैं। पिछले साल के मुकाबले इनके दामों में काफी वृद्धि इस साल हुई है जिससे अभिभावक परेशान है।