उत्तर प्रदेश

बड़ी खबर(उत्तराखंड) पंतनगर विश्वविद्यालय की इस छात्रा ने किया धागे का आविष्कार.हुआ धागा पेटेंट. विश्वविद्यालय की बड़ी उपलब्धि।।

विश्वविद्यालय को नए धागे के लिए पेटेंट मिला

पंतनगर विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने धागे का आविष्कार कर राज्य का नाम रोशन किया है। भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने ‘फ्लैक्स लियोसेल और स्पैन्डेक्स फाइबर और उनके कपड़ों के कवर स्पन यार्न’ के लिए विश्वविद्यालय को पेटेंट प्रदान किया है। यह पेटेंट दाखिल करने की तिथि 28 मार्च, 2017 से 20 वर्षों तक के लिए मान्य है। डा. अल्का गोयल और उनकी छात्रा डा. स्वाति साहू ने लियोसेल, स्पैन्डेक्स और फ्लैक्स के पेटेंट यार्न का आविष्कार किया है। डा. अल्का गोयल ने कहा कि आविष्कृत यार्न लिनन यार्न के नुकसानों को दूर करता है बिना लिनन और यह हालो स्पिंडल स्पीनिग तकनीक का उपयोग करता है, जो सरल और अधिक प्रभावी है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि इस धागे के आविष्कारक डा. अल्का गोयल और डा. स्वाति साहू और विश्वविद्यालय का बौद्धिक सम्पदा प्रबंधन केन्द्र इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए प्रशंसा के पात्र हैं। विश्वविद्यालय के बौद्धिक संपदा प्रबंधन केंद्र के सीईओ डा. जे.पी. मिश्रा ने बताया कि यह नया यार्न नए कपड़ों के विकास में एक अद्वितीयत है और डा. अल्का गोयल, अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय और उनकी डॉक्टरेट छात्रा डा. स्वाति साहू द्वारा की गई गहन शोध का यह एक परिणाम है।
गौरतलब है कि इस पेटेंट की प्रक्रिया में अहम काम करने वाले डा. जे.पी. मिश्रा, पूर्व सहायक महानिदेशक (बौद्धिक संपदा अधिकार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं । डा. मिश्रा 1963 बैच के विश्ववविद्यालय के एल्युमनस है, जो इस कार्य हेतु निःशुल्क सेवा प्रदान कर रहें है तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में उनके द्वारा अब तक 108 पेटेंट फाइल किये गये हैं, जिसमें से 29 ग्रांट हो गए है और अन्य दाखिल पेटेंट पर कार्य की जा रही है। डा. मिश्रा के अनुभवों का विश्व विद्यालय को पूरा-पूरा लाभ मिल रहा है और इनके प्रयासों से हाल ही में विश्विविद्यालय को एक और पेटेंट ग्रांट हुआ है।

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