उत्तराखण्ड

बड़ी खबर उत्तराखंडशिक्षको का मौन जुलूस, पदोन्नति-स्थानांतरण लंबित होने और सीधी भर्ती पर जताई नाराज़गी ll

उत्तरकाशी में शिक्षक दिवस पर मौन जुलूस, पदोन्नति-स्थानांतरण लंबित होने और सीधी भर्ती पर जताई नाराज़गी

संवाददाता – ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह

उत्तरकाशी।
शिक्षक दिवस पर जहां पूरे प्रदेश में गुरु-शिष्य परंपरा का उत्सव मनाया जा रहा था, वहीं उत्तराखंड के सरकारी शिक्षक इस दिन भी अपनी लंबित मांगों को लेकर सड़क पर उतरने को विवश दिखे। राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड की जिला इकाई उत्तरकाशी के बैनर तले शुक्रवार को सैकड़ों शिक्षकों ने मौन जुलूस और कैंडल मार्च निकालकर सरकार और विभाग के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया।

शिक्षकों ने कहा कि विगत आठ वर्षों से पदोन्नति की प्रक्रिया ठप है। शासन-प्रशासन की उपेक्षा के कारण प्रकरण लगातार लटके हुए हैं। उनकी प्रमुख मांग है कि प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती निरस्त की जाए, योग्य शिक्षकों की पदोन्नतियां शीघ्र की जाएं तथा लंबित स्थानांतरण आदेशों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष अतोल महर ने कहा शिक्षक समाज की रीढ़ हैं, लेकिन आठ साल से पदोन्नति रोककर सरकार ने शिक्षकों का मनोबल तोड़ने का काम किया है। अब शिक्षक चुप नहीं बैठेंगे।

यह भी पढ़ें 👉  बड़ी खबर(उत्तराखंड) इन दो जनपदों में भारी बारिश का कहर. मलवा आने से कई मार्ग बंद, कुछ को किया गया डाइवर्ट ।।

संघ पदाधिकारियों ने बताया कि शिक्षक दो वर्षों से सांकेतिक आंदोलन कर रहे हैं और 18 अगस्त से आंदोलन और तेज हुआ है। लेकिन शांतिपूर्ण विरोध को दबाने और शिक्षकों को डराने-धमकाने के प्रयास हो रहे हैं। जिला मंत्री बलवंत असवाल ने कहा कि यहां तक कि माननीय न्यायालय ने भी शिक्षकों की पदोन्नति और स्थानांतरण न होने पर चिंता जताई, बावजूद इसके शासन और प्रशासन उदासीन बने हुए हैं। जब न्यायालय भी इस पर चिंता जता चुका है तो शासन-प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। शिक्षा विभाग की उपेक्षा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

यह भी पढ़ें 👉  बड़ी खबर(उत्तराखंड) सेना में कार्य कर चुके अग्निवीरों को अब इस योजना में लेने की तैयारी ।।

शाम छह बजे विश्वनाथ चौक से शुरू हुआ कैंडल मार्च विश्वनाथ मंदिर, कोर्ट रोड, काली कमली, पेट्रोल पंप, मेन मार्केट और किरण स्वीट शॉप से होता हुआ श्रीदेव सुमन स्थल पर जाकर संपन्न हुआ। पूरे मार्ग में शिक्षक मौन रहकर हाथों में मोमबत्तियां लिए अपनी मांगों का समर्थन करते रहे। शिक्षक संघ ब्लॉक अध्यक्ष मनोज पाल सिंह परमार ने कहा कि शिक्षक दिवस जैसे पवित्र दिन पर हमें मौन जुलूस निकालना पड़ रहा है, यह सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है। यदि हमारी पदोन्नति, स्थानांतरण और सीधी भर्ती निरस्तीकरण की मांगें समय रहते मान ली जातीं तो आज यह स्थिति नहीं बनती।

यह भी पढ़ें 👉  बड़ी खबर(उत्तराखंड) ऑनलाइन ठगी.पुलिस ने वापस कार्रवाई बड़ी रकम।।

इस मौन जुलूस में महेश उनियाल, दीपक सेमवाल, वीरेंद्र नौटियाल, गुलाब सिंह पडियार, अपर्णा जुयाल, अरविंद भट्ट, सूर्य प्रकाश अवस्थी, सुनील सेमवाल, गिरीश असवाल सहित बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए।

शिक्षकों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर तत्काल कार्यवाही नहीं हुई तो आंदोलन को राज्यव्यापी रूप दिया जाएगा।

Ad
To Top