पन्तनगर-: पंतनगर विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग प्रोफेसर डा. सुधा अरोरा के मार्गदर्शन में शोध छात्र पीयूष काला द्वारा विकसित इन्वर्टर डिजाइन की नई तकनीक को विश्वविद्यालय के बौद्धिक संपदा प्रबंधन केंद्र की सलाह पर भारत सरकार द्वारा पेटेंट प्रदान किया गया है। कुलपति ने डा. सुधा अरोरा एवं शोध छात्र पीयूष काला और बौद्धिक संपदा प्रबंधन केन्द्र के सीईओ डा. जे.पी. मिश्रा को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। आधुनिक विद्युत प्रणाली में डी.सी. पावर को ए.सी. पावर में परिवर्तित करना एक महत्वपूर्ण चरण है। सौर फोटोवोल्टिक, पवन ऊर्जा, बैटरी, ईंधन सेल आदि वितरित ऊर्जा स्रोतों के उपयोग के साथ, रूपांतरण में आसानी, रूपांतरण दक्षता और लागत एक महत्वपूर्ण चुनौती हो गई है। पारंपरिक इनवर्टर में शुद्ध आउटपुट प्राप्त करने हेतु अधिक संख्या में स्विचों का उपयोग तथा फिल्टर की आवश्यकता होती है एवं लोड में परिवर्तन होने पर डिजाइन में परिवर्तन एक चुनौती होती है साथ ही उच्च स्विचिंग हानियां एवं दक्षता तथा लागत महत्वपूर्ण होते हैं। यह नवोन्मेशी आविष्कार सिंगल फेज लोड के लिए डिजाइन किया गया यह एक बहुस्तरीय इन्वर्टर प्रणाली है जो पारंपरिक डिजाइनों की तुलना में कम स्विचिंग उपकरणों का उपयोग करके, उच्च स्विचिंग हानि और फल्टिर आवश्यकताओं जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करता है तथा दक्षता और लचीलेपन को बढ़ाता है जो पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों सहित विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त है। इस इन्वर्टर प्रणाली को कम और मध्यम वोल्टेज अनुप्रयोगों के लिए डी.सी. पावर को ए.सी. पावर में दक्षतापूर्वक परिवर्तित करने के लिए तैयार किया गया है। मॉड्यूलरिटी और अनुकूलनशीलता इस शोध की मुख्य विशेषताएं हैं जहां लोड में परिवर्तन के साथ टोपोलॉजी को आसानी से संशोधित किया जा सकता है। यह टोपोलॉजी आवश्यकता पड़ने पर अधिक वोल्टेज स्तर उत्पन्न करने के लिए विस्तार की भी क्षमता प्रदान करती है, जिससे यह एसी. बिजली रूपांतरण के लिए एक बहुमुखी और कुशल समाधान बन जाता है।