उत्तर प्रदेश

बड़ी खबर(हल्द्वानी हिंसा) हाई टेक टेक्नोलॉजी का लिया जा रहा है सहारा, मोबाइल से आएंगे अराजक तत्व हाथ।।

हल्द्वानी। यहां बनभूलपुरा हिंसा के बाद सुरक्षा व्यवस्था अर्द्धसैनिक बल के हवाले करते हुए फोर्स की संख्या बढ़ाकर 1100 से 1700 कर दी गई है। अब तक जवान 16-16 घंटे ड्यूटी कर रहे थे। फोर्स बढ़ाने के बाद अब जवानों को आठ-आठ घंटे ही ड्यूटी करनी होगी। साथ ही पुलिस मोबाइल नेटवर्क ट्रेसिंग की मदद से हल्द्वानी में हिंसा फैलाने वालों को पकड़ रही है। करीब 5000 नंबरों की जांच करते हुए पकड़े गए उपद्रवियों और नामजद लोगों की कॉल डिटेल व व्हाट्सएप डिटेल खंगाली जा रही है।

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उपद्रव के बाद नौ फरवरी को दो कंपनी आईटीबीपी को बनभूलपुरा में तैनात किया गया था। इसके बाद फोर्स की संख्या करीब 1100 हो गई थी। क्षेत्र में चलाए जाने वाले सर्च अभियान में भी पीएसी और आईटीबीपी के जवानों को तैनात किया गया है। साथ ही क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर उपद्रव को नियंत्रण में रखने के लिए ड्यूटी लगाई गई थी। ऐसे में जवानों को पर्याप्त आराम की भी जरूरत थी। हालात को देखते हुए केंद्र से चार कंपनी अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की मांग की गई थी। रविवार की शाम तीन कंपनी आईटीबीपी और एसएसबी भी हल्द्वानी पहुंच गई। पुलिस एक तरफ जहां उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सीसीटीवी की फुटेज और मोबाइल वीडियो की रिकॉर्डिंग देखकर उपद्रवियों को चिह्नित भी कर रही है। हिंसा वाले दिन क्षेत्र में कितने और कौन-कौन से मोबाइल नंबर सक्रिय थे, इसकी भी जांच की जा रही है। यहां तक कि उन नंबरों से कहां और किन राज्यों में फोन कॉल किए गए, इसका भी पता लगाया जा रहा है। इससे उपद्रव मामले से जुड़े कई साक्ष्य सामने आ सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक कई लोग ऐसे हैं जिनकी लोकेशन उपद्रव के बाद बनभूलपुरा से बाहर की मिली है। पुलिस ने अब तक गिरफ्तार हुए 25 आरोपियों के मोबाइल रिकॉर्ड भी खंगालने शुरू कर दिए हैं। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि तकनीक की मदद से जांच की जा रही है।

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