Uttrakhand City news.com केदारनाथ क्षेत्र में पिछले 31 जुलाई को आई आपदा के बाद जिला प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान को लेकर सारी ताकत झोंक रखी है इंसान के साथ-साथ जिला प्रशासन ने जानवरों के लिए भी मानवीय दृष्टिकोण अपना रखा है तथा हैली सेवाओं से पशुओं के चारे को पहुंचाया जा रहा है।
प्रशासन इंसानों के साथ ही बेजुबान जानवरों के लिए भी संवेदनशीलता के साथ लगातार कार्य कर रहा है। जिलाधिकारी के निर्देशन पर पशु चिकित्सा विभाग द्वारा यात्रा मार्गों पर फंसे हुए घोड़े खच्चरों के लिए साढ़े चार टन पशु चारा हैलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंचाया जा चुका है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया कि गौरीकुंड क्षेत्र के पशु पालकों के लिए चीरबासा हेलीपैड पर साढ़े चार टन पशु चारा अब तक पहुंचाया जा चुका है। घोड़े खच्चर संचालक अपने पशुओं का लाइसेंस या अन्य प्रपत्र चीर बासा हेलीपैड पर प्रशासन की टीम को दिखाकर पशु आहार प्राप्त कर सकते हैं। इस बीच पशु चारा की ओवर रेटिंग कर कालाबाजारी करने वालो पर भी कानूनी कार्रवाई के निर्देश जिला अधिकारी ने दिए हैं।
गौरतला है की भारी बारिश के चलते श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग के सड़क एव पैदल रास्ते बाधित हो गए हैं। ऐसे में जिला प्रशासन हैली सेवाओं की मदद से ही खाद्य सामग्री एव पशु चारा विभिन्न स्थानों पर उपलब्ध करवा रहा है। इस स्थिति का फायदा उठाकर कई व्यापारी पशु चारे की काला बाजारी कर रहे हैं। प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि ऐसी शिकायतों की पुष्टि होने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया कि गौरीकुंड क्षेत्र में कुछ व्यापारियों द्वारा संचालित पशु चारा की दुकानों पर व्यापारियों द्वारा ओवर रेटिंग करने की शिकायत मिल रही हैं। बताया जा रहा है कि 700 रुपए के दाम पर बिकने वाला पशु चारा का कट्टा 1000 से 1200 रुपए के दाम पर बेचा जा रहा है। वहीं घोड़े खच्चर संचालकों को पशु चारा देने में व्यापारी आनाकानी भी कर रहे हैं। बताया कि इन शिकायतों पर जांच करवाई जा रही है पुष्टि होने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस कठिन स्थिति में व्यापारियों को तय दामों पर ही चारा बेचने की अपील भी की है। रुद्रप्रयाग न्यूज़