देहरादून
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में इस समय चल रहे तबादलों का दौर मंत्रियों और नौकरशाहों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। स्थानांतरण के इच्छुकों की भीड़ इन दिनों मंत्रियों के आवासों और कैंप कार्यालयों पर देखी जा सकती है। कई लोग अपने पसंदीदा स्थान पर स्थानांतरण के लिए नौकरशाहों का पक्ष लेने के लिए उनके कार्यालयों में भी चक्कर लगा रहे हैं। स्थानांतरण चाहने वालों के दबाव से परेशान होकर कुछ वरिष्ठ अधिकारी उनसे मिलने से इनकार करने लगे हैं। कुछ अधिकारियों ने राज्य सचिवालय में अपने कार्यालयों के बाहर एक नोटिस भी चिपका दिया है कि वे स्थानांतरण संबंधी मुद्दों पर न तो मिलेंगे और न ही बातचीत करेंगे।
सचिव, आर राजेश कुमार कहते हैं कि स्थानांतरण पूरी तरह से योग्यता के आधार पर और स्थानांतरण अधिनियम के अनुसार किया जाएगा और ऐसी स्थिति में स्थानांतरण के इच्छुक लोगों से मिलने का कोई मतलब नहीं है।
स्थानांतरण अधिनियम 2017 के अनुसार कर्मचारियों के वार्षिक स्थानांतरण की प्रक्रिया 10 जून से पहले पूरी की जानी चाहिए। हालांकि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों को देखते हुए विभाग इस डेटलाइन को पूरा नहीं कर सके जिसके बाद राज्य सरकार ने तारीख को जुलाई तक बढ़ा दिया है।