उत्तराखण्ड

बड़ी खबर (देहरादून) लाचार. असहाय.अनाथ का दर्द समझा डीएम ने,पेश की मानवता की मिसाल ।।

Ad

Uttarakhand city news dehradun डीएम सविन ने एक बार फिर पेश की मानवता की मिसाल, असहाय, अनाथ और लाचार राजू को दिया सहारा,

गर्म पानी से जल गया था राजू का हाथ, असहनीय पीढ़ा से छटपटाते उपचार को दर-दर भटक रहा था असहाय अनाथ राजू,

संवेदनशील डीएम ने महसूस की राजू की असहनीय पीड़ा, पास बिठाया, राजू की  सुनी  मार्मिक व्यथा, 

बिना वक्त जाया किए, राजू के इलाज हेतु डॉक्टर से की बात, सारथी वाहन से भेजा चिकित्सक के पास,

देहरादून

डीएम सविन बंसल हमेशा ही असहाय, निर्बल, निर्धन और अनाथ लोगों की मदद के लिए तत्पर रहते है। एक नही अनेक ऐसे कार्य है जो डीएम ने कमजोर वर्ग के उत्थान हेतु शुरू किए है। इनसे असहाय लोगों को एक बेहतर सहारा भी मिल रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  बड़ी खबर (नई दिल्ली) टनकपुर-बागेश्वर व ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजना. प्रधानमंत्री से मिले सीएम धामी में

डीएम सविन बंसल ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। दरअसल असहनीय पीड़ा से छटपटाते हुए अचानक राजू नाम का एक व्यक्ति डीएम दफ्तर पहुंचा। कहा ‘‘साहिब मेरा नाम राजू है। मेरे कोई भी अपना नही है, लावारिस हूॅ। गढ़वाल से आया हूॅ। मेरे हाथ पर गरम पानी गिरने से हाथ जल गया है। इलाज की जरूरत है। बहुत दर्द हो रहा है। अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं सुन रहा, बहुत परेशान हूॅ, हाथ की सर्जरी होनी है। पैसा नही है, मदद करों। अपने रुंधे कंठ से ये कहते कहते राजू की आंखें दर्द के आंसुओं से छलक उठी।

यह भी पढ़ें 👉  दुखद(उत्तराखंड) पेड़ गिरने से दो बच्चों की दर्दनाक मौत ।।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने पूरी संवेदना के साथ असहाय, अनाथ राजू की मार्मिक व्यथा सुनी। राजू के अधजले हाथ के असीमित और असहनीय पीड़ा को महसूस किया और बिना वक्त जाया करते राजू के उपचार हेतु फोन पर चिकित्सकों से परामर्श किया और राजू को तत्काल प्रशासन के सारथी वाहन से चिकित्सक के पास पहुंचाया। जहां अब राजू के अधजले हाथ का इलाज हो रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  उच्च न्यायालय ने बेरीनाग चोकड़ी नेशनल हाईवे बाईपास को लेकर दी बड़ी खबर।।

असहाय, अनाथ राजू ने बताया कि वह चमोली जनपद के पांडुकेश्वर स्थित एक होटल में मजदूरी पर काम कर रहा था। एक दिन अचानक उसके हाथ में गरम पानी गिरने से उसका पूरा हाथ जल गया। उपचार के लिए दर-दर ठोकरें खाता रहा। जब कही से भी मदद नही मिली, तो एक आस और उम्मीद के साथ देहरादून डीएम के पास आया। आखिर देहरादून डीएम ने मेरी पीड़ा को समझा और मुझे सहारा दिया।  

To Top