चिकित्सा शिक्षा विभाग को मिली 54 स्थाई फैकल्टी
देहरादून -: चिकित्सा शिक्षा विभाग को 54 नियमित फैकल्टी मिल गई है। राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से चयनित इन प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसरों को प्रदेश के विभिन्न राजकीय मेडिकल कालेजों में तैनाती दी जायेगी। स्थाई फैकल्टी मिलने से मेडिकल कालेजों में शिक्षण व प्रशिक्षण कार्यो में गुणात्मक सुधार होगा। इसके साथ ही शोधात्मक कार्यों में भी तेजी आयेगी। इसके अलावा मेडिकल कालेजों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में भी मरीजों को बेहतर उपचार मिल सकेगा। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि यह चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। शीघ्र ही सभी चयनित फैकल्टी की नियुक्ति विभिन्न मेडिकल कालेजों में की जायेगी।
प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों में फैकल्टी की कमी दूर हो इसके लिये राज्य सरकार हर स्तर पर काम कर रही है। इसी कड़ी में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा मेडिकल कालेजों के विभिन्न विभागों में रिक्तपड़े प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसरों के
156 पदों पर भर्ती के लिए राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को अधियाचन भेजा गया था। इसी क्रम में चयन बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर साक्षात्कार परीक्षा का आयोजन कर 54 अभ्यर्थियों का
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राजकीय मेडिकल कालेजों में दूर होगी संकाय सदस्यों की कमी
राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने जारी किया परीक्षा परिणाम
विषयवार चयन परिणाम जारी कर दिया है। इसमें 18 प्रोफेसर व 36 एसोसिएट प्रोफेसर शामिल हैं।
निदेशक चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉ. आशुतोष सयाना के मुताबिक चयनित संकाय सदस्यों को शीघ्र ही प्रदेश विभिन्न राजकीय मेडिकल कालेजों में तैनाती दी जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा जारी चयन परिणाम में एनटमी, पैथोलजी, पीडियाट्रिक्स विभाग में 2-2 प्रोफेसर का चयन हुआ है। इसी प्रकार बायोकैमेस्ट्री, ब्लड बैंक, कम्युनिटी मेडिसिन, डेंटिस्ट्री, फारेन्सिक मेडिसिन,
जनरल सर्जरी, आर्थोपीडिक्स, फिजियोलाजी, रेडियोथेरेपी में 1-1 जबकि माइक्रोबायोलजी विभाग में 3 प्रोफेसर का चयन हुआ है। इसी प्रकार एनेस्थीसिया, कम्युनिटी मेडिसिन, डेंटिस्ट्री, फरेन्सिक मेडिसिन, जनरल सर्जनी, फार्माकोलजी, फीजियोलजी, बायोकैमेस्ट्री विभाग में 2-2 एसोसिएट प्रोफेसर का चयन हुआ है।
एनटमी, ब्लड बैंक, माइक्रोबायोलजी, जनरल मेडिसिन, अप्थैल्मोलजी, आर्थोपीडिक्स, साईकाइट्री, रेडियोथेरेपी व पीडियाट्रिक्स में 1-1, अब्स्टेट्रीक एंड गायनी व ओटो-राइनो-लेरिंगोलजी विभाग में 3-3 और पैथोलजी विभाग में पांच एसोसिएट प्रोफेसर का चयन हुआ है।
निदेशक चिकित्सा शिक्षा ने बताया कि संकाय सदस्यों की नियमित नियुक्ति से मेडिकल कालेजों में फैकल्टी की कमी दूर होगी। इसके साथ ही कलेजों में शिक्षण, प्रशिक्षण व शोध कार्यो को गति मिलेगी। इसके अलावा मेडिकल कालेजों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में मरीजों को भी बेहतर उपचार मिल सकेगा।
