जोशीमठ। रैणी मे आयोजित चिपको आंदोलन की 49 वी वर्षगाठ मनाई गई।गांव मे स्थानीय स्तर पर हर वर्ष ग्रामीणों के द्वारा यह वर्षगाठ मनाई जाती है इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा वृक्षा रोपण किया जाता है। गई। चिपको आन्दोलन को अगले वर्ष 50वी वर्ष गाठ पर स्थानीय लोगों की उम्मीद बनी थी की इस वर्षगाठ को भव्य तरिके से मनाया जायेगा, चिपको आन्दोलन की नेत्री गौरा देवी का गांव आज भी जगल बचाओं अभियान के लिये प्रेरणास्रोत बना हुआ है। आज के ही दिन 26 मार्च 1974 को रैणी गांव से शुरु हुई जगल बचाओं की मुहिम चिपको आन्दोलन के रुप मे ख्याति प्राप्त हुई थी। गांव मे जगलों को बचाने के लिये गौरा देवी के नेतृत्व में चिपको आन्दोलन की शुरुआत हुई थी। गौरा देवी के सहेली बोणा देवी बताती है कि 26 मार्च 1974 को भल्ला ठेकेदार के द्वारा रैणी मे पेडो के कटान के लिये आये थे तो गांव की महिलाओं के द्वारा पेडो से चिपक गई थी महिलाओं ने कहा कि यह जगल हमारा है हमार जान चली जाय पर जगलों को कटने नही दिया जायेगा। गौरा देवी के नेतृत्व में महिलाओं के द्वारा ठेकेदार का डटकर विरोध किया गया था महिलाअे के विरोध को देखते हुये ठेकेदार के मजूदरो को बैरंग वापस लोटना पडा था। गौरा देवी के इस अभियान को आज भी संजोकर रखने के लिये गांव की महिलाओं के द्वारा इस दिन वृक्षा रोपण कर कार्यक्रम को आयोजित करते है।