देहरादून-:पिछले दिनों कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से राजाजी टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित की गई बाघिनों में से एक ने चार शावकों को जन्म दिया है। राजाजी बाघ अभ्यारण्य के पश्चिमी भाग में बाघों की आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए अब तक कॉर्बेट से स्थानांतरित की गई तीन बाघिनों और एक बाघ में से एक वयस्क बाघिन है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, स्थानांतरित बाघिन की नियमित निगरानी से पता चला है कि एक बाघिन ने हाल ही में चार शावकों को जन्म दिया है। उनका कहना है कि राजाजी में बाघों की आबादी को पुनर्जीवित करने के प्रयासों में यह एक बड़ी सफलता है।
कॉर्बेट से राजाजी में स्थानांतरित किए गए बाघों को पहले एक विशेष बाड़े में रखा गया जहां कुछ समय तक उनकी निगरानी की गई। क्षेत्र में अभ्यस्त होने के बाद, इन्हें जंगल में में छोड़ दिया गया। जंगल में छोड़े जाने के बाद, सैटेलाइट कॉलर, कैमरा ट्रैप और स्थानीय गश्ती टीमों का उपयोग करके बाघों की नियमित रूप से निगरानी की गई।
चार शावकों के जन्म पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि यह उत्तराखंड में वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों की सफलता से वन एवं वन्यजीव संरक्षण में मदद मिलेगी, साथ ही स्थानीय समुदायों को इको-पर्यटन आधारित नये अवसर भी उपलब्ध होंगे। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन समीर सिन्हा ने इस उपलब्धि के लिए राजाजी निदेशक साकेत बडोला और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन बाघों की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जानी चाहिए। सिन्हा ने राजाजी में बाघों के सफल स्थानांतरण के लिए कॉर्बेट टीम की भी सराहना की है। सांकेतिक फोटो