//// निशा सुन्दरियाल////
नई दिल्ली
वैश्विक महावारी कोरोना के कारण खुद व परिवार को सुरक्षित रखने की जद्दोजहद के बीच बढ़ते लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हुए उत्तराखण्ड के प्रवासी जनों के साथ ही झुग्गी बस्तियों में रोजी रोटी से वंचित हुए मजदूरों के परिजनों के लिए, उम्मीद की किरण बने, पहाड़ के प्रबुद्ध जन एंव संस्थाओं का कांरवा लगातार बढ़ रहा है। वक्त की मार से बेहाल प्रवासी मजदूरों को दो वक्त का भोजन उपलब्ध कराने के अलावा पहाड़ के ये अग्रणी जन वांचितों की बस्तियों को सेनिटाइज कर, उन्हे मास्क उपलब्ध कराते हुए, कोरोना से बचाव से जुड़ी जानकारियां भी मुहैया करा रहे हैं। इतना ही नहीं उत्तराखण्ड की सुदूर ऊवड़-खाबड़ पहाडियों के बीच, यहां की मिट्टी में पले बढ़े, रपटीली पगडंडियों को पार कर यहां के भूमि पुत्रों की सफलता, अपनों के लिए ही नहीं, वरन पूरे पहाड़ के लिए वरदान साबित हो रही हैं। पूर्व भविष्यनिधि अयुक्त भारत सरकार एंव महावीर इण्टरनेशनल के वित्त प्रमुख वी. एन. शर्मा महावीर इण्टरनेशनल के वीरा विजन के माध्यम से दिल्ली के तीन दर्जन भर स्लम बस्तियों के साथ पहाड़ से जुड़े प्रवासी लोगों को लॉकडाउन के बाद से अभी तक 70,000 भोजन पॉकेट उपलब्ध करा चुके हैं, वहीं दर्जन भर प्रवासी मजदूरों को निरन्तर खाद्य एंव रसद सामग्रीं उपलब्ध करा रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में 2013 में हुई अतिवृष्टि के कारण विख्यात नन्दा देवी राजजात के मुख्य स्थल नौटी गांव में ध्वस्त हुए राजकीय इण्टर कॉलेज भवन का निर्माण महावीर इण्टरनेशनल के वित्त प्रमुख वी. एन. शर्मा के सदप्रयासों से ही संभव हुआ। 80 लाख की लागत से बने कॉलेज भवन का लोकार्पण तत्कालीन विधान सभा उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी के हाथों सम्पन्न हुआ, तो इसके अतिरिक्त राज्य की प्रस्तावित राजधानी गैरसैण के सैंजी गांव में अस्पताल का निर्माण प्रस्तावित हैं, दूसरी ओर प्रवासी समाज के बीच अपनी संस्कृति, बोली, भाषा एंव सांस्कृतिक गतिविधियों को लगातार आगे बढ़ा रहे, जनपद पौड़ी गढ़वाल के धूमाकोट तहसील के मजेड़ा गांव के मूल एंव हाल गाजियाबाद एनसीआर निवासी वासुकी फाउण्डेशन के अध्यक्ष पी. एन. शर्मा कोरोना के कारण प्रभावित हुए पहाड़ के बेरोजगारों के बीच अच्छे हमदर्द साबित हो रहे हैं। इतना ही नहीं वासुकी फाउण्डेशन के माध्यम से राजधानी क्षेत्र की लगभग दो दर्जन भर स्लम क्षेत्रों में खाद्य एंव रसद सामग्रीं तो उपलब्ध करा ही रहे है, वहीं स्लम बस्तियों के साथ ही पहाड़ से जुड़ी सघन आबादी की बस्तियों में सेनिटाइजेशन का कार्य करते हुए निरन्तर बचाव एंव जनजागरण भी कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि वासुकी फाउण्डेशन के माध्यम से पी. एन. शर्मा द्वारा प्रवासियों के बीच पहाड़ की संस्कृति, बोली, भाषा एंव संस्कृति के प्रचार- प्रसार हेतु अभिनव पहल शुरु की गई हैं, तो पहाड़ के सुदूरवर्ती ग्रामीण परिवेश में खेल प्रतिभाओं को निखारने में निरन्तर योगदान दे रहे हैं। इस दिशा में पूर्व भविष्यनिधि अयुक्त वी. एन. शर्मा एंव वासुकी फाउण्डेशन के अध्यक्ष पी. एन. शर्मा द्वारा पहाड़ के विकास के लिए किए गये साझा प्रयासों की पहल को यहां काफी सराहना मिली हैं। विगत समय निजी संसाधनों से जनपद पौड़ी गढ़वाल के नैनीडाण्डा में आयोजित नैनीडाण्डा विकास महोत्सव एंव अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ग्रामीण परिवेश में महिलाओं की गुरुत्तर भूमिका को सम्मानित करने की पहल यहां के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। पूर्व भविष्यनिधि आयुक्त ने जानकारी देते हुए कहा कि
उत्तराखण्ड़ के पर्वतीय परिवेश में बढ़ते पलायन पर चर्चा का क्रम जारी हैं। राज्य की शिक्षित एंव प्रशिक्षित प्रतिभाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल पर पहाड़ के प्रवासी उद्दमियों एंव कॉरपोरेट जगत में कार्यरत पहाड़ की प्रतिभाओं से निरन्तर संवाद चल रहा हैं, वहीं पहाड़ से पलायन रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रभावी कार्ययोजना बनायी जानी चाहिए। उन्होनें पहाड़ के प्रतिभा सम्पन्न विशेषज्ञों को आह्वान करते हुए पहाड़ में स्वरोजगार के आयामों पर पहल करने में योगदान देने की अपील भी की हैं। श्री शर्मा ने दलीय खांचों से बाहर निकलकर पहाड़ की वर्तमान स्थिति पर चिंतन किये जाने पर जोर देते हुए कहा कि पहाड़ के लिए अलग राज्य मात्र दिवास्वप्न साबित हो रहा हैं।