उत्तराखण्ड

सघन वृक्षारोपण–: मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए किया जाएगा फलदार वृक्षारोपण, पश्चिमी वृत में है 924,03 हेक्टेयर का लक्ष्य

नैनीताल
समय से वृक्षारोपण लक्ष्य पूरा हो इसको देखते हुए उत्तराखंड फॉरेस्ट ने बहुउद्देशीय वृक्षारोपण एवं उसके संरक्षण की तैयारी तेज कर दी है जिसके तहत प्रथम चरण में बीज रोपण का कार्य प्रारंभ हो गया है तथा सघन वृक्षारोपण पूरे क्षेत्र में जुलाई से प्रारंभ हो जाएगा अकेले पश्चिमी वृत में 924,03 हेक्टेयर वन क्षेत्र में वृक्षारोपण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

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मुख्य वन संरक्षक डॉ पराग मधुकर धकाते ने बताया की मानसून सत्र की तैयारी को लेकर वन विभाग ने मिश्रित वन क्षेत्र तैयार करने के लिए जंगल में हैरो पद्धति से जंगल को तैयार किया जा रहा है जिसमें काला सीरस, सफेद सीरस,अमलतास,बेल, गुटेल,जामुन,बहेड़ा,हरण आंबला, बेर,खैर,शीशम,कंजी कंजू,अर्जुन, सेमल,तुन सहित विभिन्न प्रकार की मिश्रित बीजू प्लांटेशन तैयार किया जाएगा।श्री धकाते ने बताया कि तराई पूर्वी वन प्रभाग में 46 2.90 हेक्टेयर ,तराई केंद्र वन प्रभाग में 148, 83 हेक्टेयर, हल्द्वानी वन प्रभाग में 73.40 हेक्टेयर, के अलावा तराई पश्चिमी वन प्रभाग में 238,90 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा प्रति प्लांटेशन में प्रति हेक्टेयर 500 अन्य पौधों का भी वृक्षारोपण किया जाएगा।
श्री धकाते ने कहा कि मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए अब वन्यजीवों के मनपसंद वनस्पतियों को इस तरह से लगाया जाएगा कि वह जंगल से बाहर ना जाकर अपने भोजन का जंगल के अंदर ही लुफ्त उठाएं इसके लिए विभिन्न फलदार वृक्षों का भी रोपण किया जाना है।

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