अल्मोड़ा
कोविड-19 कोरोना वायरस के कारण जहां पूरे भारत में व्यवसायिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप्प पड़ी हुई हैं वही अल्मोड़ा क्षेत्र में आजीविका संघों के द्वारा करीब नौ लाख रुपए का व्यवसाय किया गया है जिससे पर्वती क्षेत्र में पलायन जैसी गंभीर समस्या से निपटने के लिए एक प्लेटफार्म मिला है वही स्थानीय रोजगार के सृजन से महिलाएं भी फूली नहीं समा रही हैं।
जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि एकीकृत आजीविका परियोजना द्वारा जनपद में लगभग तीन हजार से अधिक महिला के साथ आजीविका संवर्धन के क्षेत्र में कार्यरत आई.एल.एस.पी. के आजीविका संघों द्वारा न सिर्फ लाभकारी व्यवसायों वरन् ग्राम क्षेत्र में सूक्ष्म सुविधाओं जैसे सब्जी पौध, चारा बीज, पशु पोषक आहार, सैनेटाईजेशन, जागरूकता, सामाजिक दूरी, गेहं पिसाई एवं कटाई आदि के लिए भी ग्रामीणों को सहयोग प्रदान किया जा रहा है। कोरोना महामारी के चलते हए लाक डाउन अवधि में आजीविका संघों ने सर्वप्रथम अपने क्षेत्र में सामाजिक दूरी, जागरूकता अभियान, सैनेटाईजेशन कार्य को भी आवश्यकतानुसार करने का प्रयास किया गया है।
परियोजना प्रबन्धक कैलाश चन्द्र भट्ट के दिशा-निर्देश में संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से लगभग 90 हजार मास्क तैयार कर तहसील, विकास खण्ड, रेखीय विभागों, स्वास्थ्य विभाग, गैर संरकारी संगठनों को उपलब्ध करवाये हैं। इससे आजीविका संघों ने लगभग 9 लाख से अधिक धनराशि का व्यवसाय करते हुए अपने सदस्यों को अस्थायी रोजगार भी उपलब्ध करवाया है। जिलाधिकारी ने बताया कि संघों द्वारा अपने क्षेत्रों में गेहूं कटाई हेतु अपने सदस्यों एवं गैर सदस्यों को फार्म मशीनरी बैंक के तहत क्रय टैक्टर एवं थ्रेसर को भी किराये में उपलब्ध करवाया गया है। खेती संबंधी गतिविधियों जैसे फसल कटाई, मडाई आदि के दौरान सामाजिक दूरी को बनाये रखने हेतु भी उचित कदम उठाए हैं।
आजीविका संघों द्वारा भैंसियाछाना विकासखण्ड के जमराड़ी में नारी एकता में स्थापित ग्रामीण उद्यम, हवालबाग विकास खण्ड कार्यालय के समीप एग्रो प्रोसेसिंग केन्द्र एवं बेकरी इकाई, भिक्यासैण की मसाला प्रसंस्करण इकाई, गुदलेख, स्याल्दे एवं वेतनधार, चैखुटिया में गेहूॅं पिसाई इकाई, द्वाराहाट के कामा क्षेत्र में गेहूं एवं धान कुटाई इकाई, टी.एच.आर. वितरण के साथ ही विभिन्न आजीविका संघों द्वारा संचालित अपने क्रय विक्रय केन्द्र में स्थानीय समुदाय को लाभान्वित किया जा रहा है। अपने गांव अपने शहर मैं मिलने वाले स्वरोजगार से होने वाली आय से जहां महिलाएं काफी खुश हैं वहीं उन्होंने अन्य लोगों से भी स्वरोजगार अपनाने पर जोर देते हुए सभी को इससे जुड़ने का आह्वान किया है।