उत्तराखण्ड

ब्रेकिंग–:कृषक पाठशाला परियोजना, अब धीरे-धीरे उतरने लगी है धरातल पर, मत्स्य पालन भी बनेगा रोजगार का साधन।

पिथौरागढ़,
अब सीमांत क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी के साथ कृषि एवं बागवानी कार्य जोर पकड़ने लगे है जिला प्रशासन के द्वारा किए जा रहे सहयोग के चलते अब किसानों का रूझान उन्नत कृषि वानिकी की ओर आकर्षित हो रहा हैं।

ग्राम्या फेस-2 जलागम परियोजना के द्वारा ग्राम बलतिर में बनी जलागम कृषक पाठशाला परियोजना के अंतर्गत ग्राम्या द्वारा 22 परिवारों के 12 हैक्टेयर भूमि में कृषक पाठशाला परियोजना अब धरातल पर उतरने लगी है।
आज जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे एवं मुख्य विकास अधिकारी एवं अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ
जलागम परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया एवं क्षेत्र में स्वरोगार हेतु कराए गए कार्यों की जानकारी ली। इस दौरान आम,लींची,आड़ू,केला आदि के पेड़ के साथ मछली तालाब को दिखाकर इस कृषक परियोजना पाठशाला के कार्य योजना की विस्तार से जानकारी दी। कृषक पाठशाला के किसान शंकर सिंह भैसोड़ा ने जिलाधिकारी को अपने कृषक पाठशाला के कार्य योजना के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान क्षेत्र में महिला समूहों द्वारा संचालित बिस्किट उद्योग का भी निरीक्षण किया गया।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ.सौरभ गहरवार, परियोजना निदेशक डीआरडीए आशीष पुनेठा,जलागम परियोजना अधिकारी ललित सिंह रावत,जिला कृषि अधिकारी जलागम परियोजना सुरेश चंद्र मौर्या,थल तहसील के तहसीलदार डॉ.ललित मोहन तिवारी,मवानी यूनिट अधिकारी योगेंद्र सिंह,नाचनी यूनिट अधिकारी हरीश चंद्र आर्या,ग्राम्या प्रभारी सुनील सती,उन्नति स्वंय सहायता समूह के अध्यक्ष मदन उपाध्याय,दामोदर भट्ट,पुष्पा देवी,शांति देवी आदि मौजूद रहे।

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