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ब्रेकिंग,गौरव की बात है पहला टाइगर रिजर्व, खबर विस्तार से

रामनगर
जैव विविधताओं पर कार्य करने वाले महान पर्यावरणविद एवं विश्व विख्यात शिकारी जिम कार्बेट के नाम पर आज ही के दिन पहले टाइगर रिजर्व की घोषणा प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने व्यक्तिगत प्रयासों के चलते 1 अप्रैल 1973 को की थी जिसके बाद जिम कार्बेट नेशनल पार्क को पहला टाइगर रिजर्व घोषित होने का गौरव प्राप्त हुआ था तथा इस टाइगर रिजर्व की उपयोगिता देश में बढ़ गई थी। आज पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट देश का सबसे सफल प्रोजेक्ट में गिना जाता है जो वन संरक्षण के प्रति कार्य कर रहे लोगों के लिए सबसे सफल बताया जाता है।

देश के सबसे पुराने इस पार्क की स्थापना 1936 में हुई थी जैव विविधता से भरा हुए यह खूबसूरत पार्क रामगंगा नदी के किनारे 1288,12 वर्ग किलोमीटर में फैला है है जिसमें 821,99 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र कोर जोन में आता है ।जिसमें पूरी तरह से आवाजाही वर्जित है।


जिम कार्बेट नेशनल पार्क के डायरेक्टर राहुल ने बताया कि 1973 में जिम कार्बेट नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व पार्क
घोषित किया गया था जिसके बाद इस टाइगर रिजर्व की उपयोगिता काफी बढ़ गई तथा इसके साथ ही बाघ संरक्षण के लिए कार्य तेजी से यहां प्रारंभ होने लगे।उन्होंने बताया कि 1973 में कुल 9 टाइगर रिजर्व हुए थे जो 2020 में बढ़कर 50 हो गए हैं जिसमें उत्तराखंड में जिम कार्बेट नेशनल पार्क एवं राजाजी नेशनल पार्क शामिल है। उन्होंने बताया कि टाइगर की राष्ट्रीय गणना में 2006 में देश में कुल 1411 टाइगर पाए गए थे तथा 2010 मैं यह बढ़कर 1706 हो गए इसी तरह 2014 कि बाघों की गणना में उक्त बाघ 2226 तथा 2018 की गणना में इनका कुनबा बढकर 2967 हो जो राष्ट्र के लिए एक गौरव की बात है।

वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने हालांकि पूरे देश की टाइगर की गणना का डाटा जारी किया था लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि जिम कार्बेट नेशनल पार्क में 225 प्लस से टाइगर पाए जाने की संभावना बताई जा रही है। जो जिम कार्बेट के इतिहास में सबसे अच्छा बताया जाता है। राहुल बताते हैं टाइगर प्रोजेक्ट बनने के बाद जैव विविधता से भरे हुए इस पार्क में टाइगर प्रोजेक्ट पर बहुत काम किया गया है तथा बाघों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण के तहत कार्य किए जा रहे हैं।


जिम कार्बेट नेशनल पार्क को दो डिवीजन रामनगर टाइगर डिवीजन तथा कालागढ़ टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाता है जिसमें 12 रेंज हैं तथा 4 सबडिवीजन के अलावा एक रेंज इको टूरिज्म पर कार्य करती है तथा दूसरी रेंज में रिसर्च कार्य​ यहां पर चलता है।इसके अलावा इस नेशनल पार्क में 50 स्तनधारी प्रजातियों 650 पक्षी प्रजातियों तथा 25 सरीसृप प्रजातियों पर संरक्षण का कार्य किया जाता है।


तथा घड़ियाल एवं मगरमच्छ के प्रजनन का केंद्र रामगंगा नदी है जो सिर्फ उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है।तथा राम गंगा नदी में संरक्षित प्रजाति की महाशीर मछली भी पाई जाती है जिसके संरक्षण पर काम किया जा रहा है।

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