रुद्रपुर
वन्य जीवों का शिकार कर उनके अंगों से औषधीय के रूप में बेचने के आरोप में वन विभाग की वन सुरक्षा बल की टीम ने पंसारी की दुकान पर छापा मारकर मृत वन्य जीव के प्रतिबंधित अंगों को बेचने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है पकड़ा गया आरोपी इस क्षेत्र में लंबे समय से वन्यजीवों की प्रतिबंधित औषधि के रूप में प्रयोग किए जाने वाले अंगों को बेच रहा था ।
प्रभागीय वन अधिकारी डॉ. अभिलाषा सिंह को गुप्त सूचना मिली की पिछले कई दिनों से इस क्षेत्र में वन्यजीवों के अंगों की औषधि के रूप में बिक्री हो रही है जिस पर 12 अगस्त को मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर रुद्रपुर में एक पंसारी के प्रतिष्ठान से प्रतिबंधित वन्यजीवों से बनाया सामान के बेचे जाने की सूचना को पुख्ता मानकर वन क्षेत्राधिकारी सुरक्षा बल, तराई केंद्रीय वन प्रभाग रूपनारायण गौतम के साथ अन्य वनकर्मियों द्वारा उक्त पंसारी की दुकान पर छापा मारा तो दुकान में जांच के दौरान प्रतिबंधित दुकान से सात मृत मॉनिटर लिजर्ड, रीफ बिल्डिंग कोरल, एक अदद, कुथ 730 ग्राम तथा हाथी दांत चूरा 144 ग्राम बरामद किया गया। वन विभाग की टीम ने जब बरामद सामग्री के वैध अभिलेख दुकान स्वामी इसे मांगे तो उसने अभिलेख ना दिखा सका । वन विभाग की टीम ने उनके प्रतिष्ठान से बरामद प्रतिबंधित बरामद सामग्री के वैध कागजात न पाए जाने पर उन्हें अपराध से वाकिफ करा कर उसको वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित की धारा 9, 39, 49 एवं सपठित धारा 51 के अंतर्गत मामला पंजीकृत कर न्यायालय में पेश किया गया। जहां अभियुक्त को न्यायालय 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया । वन विभाग की टीम में ,श्री प्रमोद चंद्र त्रिपाठी उप वन क्षेत्राधिकारी, वन दरोगा शशि वर्धन अधिकारी , कैलाश चंद्र तिवारी , प्रकाश चंद्र तिवारी, एवं दिनेश चंद्र शाही शामिल थे। वन विभाग की टीम इस केस से संबंधित अन्य जानकारी जुटाने के लिए और लोगों से भी पूछताछ कर रही है।