नैनीताल
वर्तमान वैश्विक महामारी कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए, माननीय कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति, उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय सह् कार्यपालक अध्यक्ष, उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, माननीय न्यायमूर्ति श्री रवि मलिमठ के कुशल दिशा-निर्देशन में तथा उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान् में उत्तराखण्ड राज्य में प्रथम बार 12 सितम्बर, को सम्पूर्ण जिला एवं बाह्य न्यायालयों एवं माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में वीडियों काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से ई-लोक अदालत का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
ई-लोक अदालत के प्रभावपूर्ण क्रियान्वयन तथा सफल आयोजन हेतु सर्वप्रथम उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा समस्त जनपदों से सुझाव आमंत्रित कर, वैश्विक महामारी कोरोना के संबंध में केन्द्रीय एवं राज्य सरकार द्वारा बनाये गये समस्त नियमों प्रतिबंधों एवं दिशा-निर्देशो को दृष्टिगत रखते हुए, एक समग्र तथा विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया प्रख्यापित की गयी थी।
उपरोक्त ई-लोक अदालत की मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप, ई-लोक अदालत में वीडियों काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से पारस्परिक सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित होने वाले
निम्नलिखित प्रकृति के मामले सुनवाई एवं निस्तारण हेतु नियत किये गये थे।
- बैंक और धन वसूली के मामले
- मोटर दुर्घटना प्रतिकर मामले
- धारा 138 एनआइ अधिनियम के तहत मामले,
- धारा 9 हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पारिवारिक विवाद,
- धारा 125 सीआरपीसी के तहत भरण-पोषण सम्बन्धी मामले और समान प्रकृति के अन्य मामलें,
- आपराधिक प्रशमनीय मामले
- पूर्व मुकदमेबाजी के मामले।
ई-लोक अदालत को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुरूप सर्वप्रथम प्रत्येक जनपदों द्वारा एसे मामलों को चिन्हित किया गया, जोकि पारस्परिक सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित होने की परिधि के अन्तर्गत आते हो। तदोपरान्त् समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के द्वारा वीडियों काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से सम्बन्धित पक्षकारों एवं सम्बन्धित विद्वान अधिवक्तागणों से तीन चरणों में प्री-ई-लोक अदालत बैठकें आयोजित की गयी थी। उसके उपरान्त् ई-लोक अदालत हेतु गठित खण्डपीठों के समक्ष निस्तारण किये जाने वाले अंतिम रूप से चिन्हित मामलों को सूचीबद्व किया गया था। उपरोक्त ई-लोक अदालत की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)के अनुरूप उपरोक्त वादों की वीडियों काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से सुनवाई एवं निस्तारण हेतु माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय एवं सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य के जनपद तथा बाह्य न्यायालयों सहित कुल 135 खण्डपीठें गठित की गयी थी। जिसमें माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में माननीय न्यायमूर्ति श्री लोकपाल सिंह एवं माननीय न्यायमूर्ति श्री आलाके कुमार वर्मा की खण्डपीठ गठित की गयी थी। इसके अतिरिक्त जनपद तथा बाह्य न्यायालयों में न्यायिक अधिकारीगण व अधिवक्तागण की खण्डपीठें गठित की गयी थी। उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य-सचिव डाॅ0 जी0के0 शर्मा द्वारा दी गयी। जानकारी के अनुसार दिनांक 12 सितम्बर को माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय सहित उत्तराखण्ड राज्य के सम्पूर्ण जनपद तथा बाह्य न्यायालयों में वीडियों काॅन्फ्रेिसंग के माध्यम से आयाेजित हानेे वाली ई-लोक अदालत में निस्तारित वादों का विवरण निम्नलिखित है।
कुल गठित 135 खण्डपीठो द्वारा 1787 वादों को निस्तारित किया तथा समझौता धनराशि (इक्कीस करोड़ सत्ताईस लाख इकत्तीस हजार तीन सौ पचपन रूपये पचास पैसे ) 212731355.50 रूपये है। माननीय उच्च न्यायाल नैनीताल की गठित 2 खण्डपीठों द्वारा 45 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 27934121.50 है। जनपद अल्मोड़ा की गठित 4 खण्डपीठो द्वारा 80 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 7754138 है। जनपद बागेश्वर की गठित 2 खण्डपीठो द्वारा 11 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 2955547 है। जनपद चमोली की गठित 6 खण्डपीठो द्वारा 47 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 5865559 है। जनपद चम्पावत की गठित 3 खण्डपीठो द्वारा 6 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 531374 है। जनपद देहरादून की गठित 37 खण्डपीठो द्वारा 475 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 48128870 है। जनपद हरिद्वार की गठित 31 खण्डपीठो द्वारा 498 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 27693862 है। जनपद नैनीताल की गठित 7 खण्डपीठो द्वारा 125 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 12265801 है। जनपद पोड़ी गढ़वाल की गठित 8 खण्डपीठो द्वारा 46 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 2724000 है। जनपद पिथौरागढ़ की गठित 2 खण्डपीठो द्वारा 20 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 6407555 है। जनपद रूद्रप्रयाग की गठित 2 खण्डपीठो द्वारा 9 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 2622000 है। जनपद टिहरी गढ़वाल की गठित 9 खण्डपीठो द्वारा 65 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 2873830 है। जनपद ऊधम सिंह नगर की गठित 19 खण्डपीठो द्वारा 293 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 60599506 है। जनपद उत्तरकाशी की गठित 3 खण्डपीठो द्वारा 67 वादो का निस्तारण किया तथा समझौता धनराशि 4375192 है। यह जानकारी डाॅ.जीके शर्मा जिला जज/ सदस्य-सचिव, उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण उच्च न्यायालय परिसर नैनीताल द्वारा दी गयी है।