पिथौरागढ़
पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए डेमस्क गुलाब की खेती प्रारंभ की जाएगी जिसके लिए प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है किसानों को आत्मनिर्भर बनाने तथा उनकी आमदनी को बढ़ावा देने के लिए सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में बंजर भूमि को पुनः हरा-भरा करने के लिए डेमस्क गुलाब की खेती को लेकर मुख्य विकास अधिकारी डा0 सौरभ गहरवार ने एग्री अरोमा ग्रोथ सेंटर का भ्रमण किया । बालाकोट क्षेत्र में परियेाजना द्वारा गठित फैडरेशन महादेव आजीविका स्वायत्त सहकारिता के लिए सर्वे के दौरान यह क्षेत्र डेमस्क गुलाब की खेती के लिए उपयुक्त पाया गया था। जिसके पश्चात सगन्ध पौधा केन्द्र (कैप) सेलाकुई के तकनीकी मार्गदर्शन में इस क्षेत्र में डेमस्क गुलाब के प्रसंस्करण का प्रस्ताव तैयार कर ग्रोथ सेंटर योजना में प्रस्तावित किया गया। इस योजना के अन्तर्गत इस क्षेत्र के बालाकोट, बिषाड़, जाख, पगन्ना, मेलडुंगरी, रावलगांव में किसानों की बंजर भूमि में डेमस्क गुलाब की खेती करवाई जायेगी व परियोजना द्वारा इस क्षेत्र में गठित फैडरेशन महादेव आजीविका स्वायत्त सहकारिता द्वारा कैप के तकनीकी सहयोग एवं मार्गदर्शन में गुलाब की प्रसंस्करण इकाई स्थापित की जायेगी। इस इकाई में गुलाब से गुलाब जल, गुलाब जैल, इसैन्सियल ऑइल व अन्य सौंदर्य उत्पाद तैयार किये जायेंगे। जिसके पश्चात कैप आई0एल0एस0पी0 के सहयोग से हिलांस ब्रांड के तहत इन उत्पादों की मार्केटिंग की जायेगी।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी द्वारा गुलाब के पौधरोपण हेतु रावलगांव में परियोजना द्वारा तैयार डेमस्क गुलाब नर्सरी का भी भ्रमण किया गया। परियोजना प्रबंधक द्वारा उन्हें जानकारी दी गई कि फैडरेशन द्वारा यहां पर 16 नाली भूमि लीज पर लेकर 1 लाख गुलाब की पौध की नर्सरी कैप के तकनीकी मार्गदर्शन में तैयार की गई है। नर्सरी में पौध तैयार होने के पश्चात माह जनवरी एवं फरवरी में डेमस्क गुलाव की खेती हेतु इच्छुक किसानों के यहां इन पौधों को ट्रांसप्लांट किया जायेगा। जिसके पश्चात फैडरेशन किसानों से डेमस्क गुलाब क्रय कर उनका प्रसंस्करण करेगी।
भ्रमण के दौरान मुख्य विकास अधिकरी द्वारा परियोजना के कार्यो एवं गतिविधियों की सराहना की गई तथा ग्रोथ सेंटर के तहत किसानों की भूमि में गुलाब के ट्रांसप्लाटेंशन कार्य को मनरेगा के माध्यम से करने के निर्देश दिये गये।