चिड़ियों के संग ली लम्बी उड़ान …….
रामनगर–:
शनिवार 25 जुलाई को बच्चों ने जश्न ए बचपन व्हॉट्सएप ग्रुप में ऑरिगामी की जगह परिंदों के संग ऊँची उड़ानें भरी। बच्चों ने जाने कई चिड़ियों के नाम।
जश्न ए बचपन व्हॉट्सएप ग्रुप में शनिवार का दिन ऑरिगामी के नाम रहता है । परंतु कल ऑरिगामी के स्थान पर चिड़ियों की दुनिया की सैर का दिन रहा। जहाँ बच्चों को रामनगर से बर्ड वॉचर भाष्कर सती का सानिध्य प्राप्त हुआ। दिन की शुरुआत करते हुए भाष्कर सती ने ग्रुप में कई चिड़ियों की फोटोज़ साझा करी। कल मुख्यत: मानसून में आने वाली चिड़ियों के बारे में बात की गई। जैसा कि इस ग्रुप के सदस्यों की संख्या हर दिन बड़ रही है ,
भाष्कर सती ने नए बच्चों के लिए जानकारी साझा करते हुए लिखा -” जो लोग इस ग्रुप में नए जुड़े हैं, वो थोड़ा पक्षी के बारे में हम आज बात करेंगे।
पंख वाले या उड़ने वाले किसी भी जन्तु को पक्षी कहा जाता है। जीव विज्ञान में एविस् श्रेणी के जन्तुओं को पक्षी कहते हैं। इस अण्डा देने वाले रीढ़धारी प्राणी की लगभग १०,००० प्रजातियाँ इस समय इस धरती पर निवास करती हैं। इनका आकार २ इंच से ८ फीट तक हो सकता है तथा ये आर्कटिक से अन्टार्कटिक तक सर्वत्र पाई जाती हैं। पक्षी ऊँचे पहाडों को उड़ कर पार कर जाते हैं। ये गहरे जल में २५० मीटर तक डुबकी लगा लेते हैं।
इन्हें ऐसे महासागरों के ऊपर उड़ते देखा गया है जहाँ से तट हजारों किलोमीटर दूर है। इनका शरीर पंखों से ढँका होता है। सभी प्राणियों में पक्षी सबसे अधिक सुन्दर एवं आकर्षक प्राणी हैं। पंख रहते हुए भी कुछ पक्षी उड़ नहीं सकते हैं परन्तु अधिकतर पक्षी आकाश में उड़ते हैं।
इनका सम्पूर्ण शरीर नौकाकार होता है और पंखों से ढँका होता है। शरीर सिर, गर्दन, धड़ और पूँछ में विभक्त रहता है। अग्रपाद डैनों में रूपान्तरित होते हैं। जबड़े चोंच में रूपान्तरित हो जाते जिनमें दाँत नहीं पाये जाते हैं।
भारत में पक्षियों की 1300से अधिक प्रजाति मिलती है। उत्तराखंड मै 700 तथा corbett में 550 पक्षी मिलते है। ” उनहोंने चिड़ियों से सम्बन्धित कई यू ट्यूब वीडियो भी साझा करी , जैसे – टिटहकी के अंडों की वर्षा गणित आदि। बच्चों को हार्नबिल चिड़ियाँ की कहानी भी सुनने को मिली।
रोज़ की ही भाँति साहित्य एक्सपर्ट महेश पुनेठा ने पिछले दिन की रिपोर्ट साझा करी जिसे लिखा था शीतल भट्ट ने । ग्रुप एडविन नवेंदु जी ने सूचित किया कि कल 26 जुलाई से 31 जुलाई प्रेमचंद के जन्मदिवस तक हम अपनी रोज की गतिविधियों के माध्यम से प्रेमचंद के साहित्य पर बातचीत करेंगे। उसके पश्चात 1 अगस्त से 9 अगस्त,अगस्त क्रांति दिवस तक हम आजादी के आंदोलन को जानेंगे।
इस ही क्रम में आज बच्चे चित्रकार सुरेश लाल से रंगों का जादू करना सीखेंगे।
-दीपिका (10th)