पंतनगर (सुनील श्रीवास्तव)
पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित ज्चार (चरी) की संकर प्रजाति एस.पी.एच. 1881 (यू.टी.एम.सी.एच. 1319) राष्ट्रीय स्तर पर चिन्हित की गई
है। आई.सी.ए.आर. के उप महानिदेशक, डा0 टी.आर. शर्मा की अध्यक्षता में प्रजाति चिन्हित समिति की बैठक बीते माह भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद में सम्पन्न हुई।
एस.पी.एच. 1881 (यू.टी.एम.सी.एच. 1319) बहु कटान वाली चारा ज्वार (चरी) की संकर प्रजाति है जिसकी औसत
उपज 900-950 कु0/हे0 हरा चारा एवं 210-230 कु0/हे0
सूखा चारा है। इस प्रजाति की पत्तियॉ लम्बी एवं हरी तथा तना मीठा होता है एवं चारे में 7.46 प्रतिशत प्रोटीन पाई जाती है तथा इसकी पाचकता भी अधिक है। इस प्रजाति में पत्तियों के रोगों जैसे श्याम व्रण, धूसर पर्ण चित्ती तथा कज्जली धारी के प्रति रोधिता पायी जाती है और यह
प्ररोह मक्खी के लिए भी अवरोधी है।चिन्हित प्रजाति विकसित करने में, परियोजना समन्वयक डा0 योगन्द्र सिंह, डा0 पी.के. पाण्डेय, डा0 पी.के. श्रोत्रिय (सेवा निवृत), डा0 शिवजी सिंह एवं श्री अजीत कुमार लंबे समय तक गहन अध्ययन करने के बाद या मंजिल हासिल की ।