देहरादून-: मौसम विभाग ने 19 दिसंबर तक का मौसम पूर्वानुमान जारी करते हुए अगले 3 दिन शीत लहर के साथ- साथ उधम सिंह नगर जनपद में कोहरे को लेकर के भी पूर्वानुमान जारी किया है मौसम विभाग ने कहा है कि 19 दिसंबर तक हालांकि मौसम शुष्क रहेगा लेकिन 17 दिसंबर से राज्य के कुछ भागों में सुबह के समय उथला कोहरा छाया रहने की संभावना उधम सिंह नगर जनपद में बन रही है इसके अलावा 18 दिसंबर को भी राज्य के जनपदों में मौसम शुष्क रहेगा लेकिन यहां भी उधम सिंह नगर में कोहरे की छाया देखने को मिलेगी मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3 दिनों तक राज्य के मैदानी क्षेत्रों के कुछ स्थानों में तापमान के दिनचर परिवर्तन होगा जो 18 सेंटीग्रेड से या इससे अधिक रहने की संभावना है जिसको लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी करते हुए सर्दी और फ्लू से बचाव की बात कही है मौसम विभाग का कहना है कि लोग विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को सुबह और रात के समय बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत है तापमान में दैनिक उतार-चढ़ाव के कारण स्थिति अनुकूल रहेगी इसके अलावा मौसम विभाग ने 19 दिसंबर तक मौसम शुष्क रहने की बात कही है।
मौसम विभाग ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी की संभावना जताई है। वहीं पहाड़ों पर बर्फबारी के कारण दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ना जल्द शुरू होगी। आईएमडी के मुताबिक अगले 2 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट हो सकती है। राजस्थान के फतेहपुर शेखावाटी में बुधवार को न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस रहा। दिल्ली और राजस्थान के तापमान में गिरावट देखी जा रही है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च के अनुसार राजधानी में गुरुवार सुबह AQI 129 (मध्यम) श्रेणी में रहा।
देश भर में मौसम प्रणाली सिस्टम
स्काईमेट वेदर के अनुसार पूर्वी मध्य और दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। चक्रवाती परिसंचरण मध्य क्षोभमंडलीय स्तर तक फैला है। वहीं एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण अंडमान सागर और इससे लगे मलक्का जलडमरूमध्य और सुमात्रा पर समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला है। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक निम्न दबाव का क्षेत्र दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और इससे सटे पूर्वी भूमध्यरेखीय हिंद महासागर पर स्थित है। इसके धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। अगले 12 घंटों के दौरान उसी क्षेत्र में अच्छी तरह से चिन्हित कम दबाव का क्षेत्र बन जाएगा