उत्तराखण्ड

(लालकुआं नगर पंचायत चुनाव) चुनौती भरा होगा 2023 का चुनाव, भाजपा इस बार कर सकती है उलटफेर,विकास बनेगा मुद्दा।।

लालकुआं-: नगर पंचायत चुनाव में ताल भले ही कितने उम्मीदवारों ठोंके लेकिन कड़वा सच यह है कि मजबूत प्रबल दावेदार ही लालकुआं नगर पंचायत चुनाव में बाजी जीत सकता है कांग्रेस भाजपा दोनों दलों की बात की जाए तो दोनों दलों में ऐसे उम्मीदवार तो है लेकिन वह उम्मीदवार जनता की कसौटी पर कितना खरा उतरेंगे यह चुनाव की गणित और सियासी बिसात के बीच मतदाताओं के पक्ष के आंकलन पर निर्भर करेगा. कांग्रेस जहां मजबूती से चुनाव लड़ने में सक्षम है वही भारतीय जनता पार्टी की विशात को समझना कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती होगा पहले से ही कांग्रेस में चल रही उठापटक लालकुआं में इस गणित को कितना मजबूत करेगा यह तो समय बताएगा लेकिन भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार अबकी बार पुराने कड़वे अनुभव से कुछ सीख जरूर लेगा इसलिए इस बार कांग्रेस के लिए लालकुआ नगर पंचायत चुनाव एक बड़ी चुनौती होगा.समाजिक सरोकार से जुड़े सभी प्रत्याशी मतदाताओं की नब्ज टटोलने के लिए जहां अभी से अपनी बिसात बनाने में जुट गए हैं वहीं इस बार विकास को लेकर भी चुनाव बड़ा मुद्दा बन कर उभरेगा लालकुआं में अनेक समस्याएं हैं जो अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है. बिजली-सड़क-पानी और नाली यह कोई बड़ा विकास नहीं होता लेकिन आने वाले चुनाव के संभावित प्रत्याशी अपना मेनिफेस्टो में नगर के लिए क्या योजना ला रहे हैं इसको भी इस बार मतदाताओं के सामने रखना सबसे बड़ी चुनौती होगा।
जिस तरह से लालकुआं से बाहर हल्दुचौड और बिंदुखत्ता क्षेत्र का विकास हुआ है जहां अस्पताल.शिक्षा के साधन. मनोरंजन के साधन. यहां तक मल्टीप्लेक्स. वाटर पार्क. डिग्री कॉलेज. तथा ग्राफिक एरा जैसी बड़ी शिक्षण संस्था के चलते इन क्षेत्रों का विकास हुआ है उससे इतर लालकुआं अब विकास से कोसों पीछे रह गया है जिसके चलते लोग यहां से पलायन कर अन्य शहरों में जा बसे हैं.अपनी पूरी जिंदगी रेलवे फाटक पर निकाल चुके लोग आज भी अपनी समस्या से जूझ रहे हैं तथा ओवरब्रिज की मांग करते करते लोग थक चुके हैं. बाईपास की समस्या नदारद है. सीवर लाइन ख्वाब बनकर रह गई. आवास विकास का पता नहीं है. मालिकाना हक को लोग पूरी तरह से भूल चुके हैं. रोडवेज बस अड्डा सिर्फ बस के आगे हाथ देने तक सीमित होकर रह गया है और अनेक ऐसी ज्वलंत समस्याएं हैं जो अभी तक नगर पंचायत रहते पूरी नहीं हुई है इसलिए इस बार जनता को भी अपने चेयरमैन से इन हक के लिए बात करनी होगी।।

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