देशभर में पीएम मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी करने वाले “साईबर ठगों के गिरोह” का एसटीएफ ने भण्डाफोड़ कर दो लोगों को गिरफ्तार किया है यह लोग फर्जी तरीके से मुद्रा लोन देने के नाम पर एक हफ्ता में करीब 5 से 6 लाख रुपए कमा लेते थे पकड़े गए गिरोह के दो सदस्यों के कब्जे से 1,31,100/- रूपये, 64 सिम कार्ड, 11 एटीएम कार्ड, 10 मोबाईल फोन, 02 पासबुक, 07 बैंकों की चैक बुक टीम ने बरामद की है गिरोह के सदस्यों ने ज्यादातर दक्षिण भारत के राज्यों तेलांगना, आन्ध्राप्रदेश, महाराष्ट्र के राज्यों के निवासियों के साथ धोखाधड़ी की है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि प्रधानमन्त्री मुद्रा लोन योजना के नाम से देश भर में कई राज्यों के लोगों के साथ उन्हे लोन दिलाने के नाम पर ठगी किये जाने की घटनाओं के दृष्टिगत एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा गृह मंत्रालय के 14C के विभिन्न वेब पोर्टलों का अवलोकन करने पर पाया कि मुद्रा लोन योजना के नाम पर ऑनलाईन ठगी करने वाले कुछ संदिग्ध मोबाईल नम्बर वर्तमान में थाना प्रेमनगर जनपद देहरादून क्षेत्र में काफी समय से सक्रिय हैं जिससे यह स्पष्ट हो गया कि थाना प्रेमनगर जनपद देहरादून क्षेत्र में रहकर कोई साईबरों ठगों का गिरोह भिन्न-भिन्न मोबाईल नम्बरों से देश भर में कई नागरिकों के साथ साइबर ठगी की घटनाओं को कर रहा है। इस पर मेरे द्वारा अपनी एसटीएफ की टीम को गहनता से जांच करने एवं इस गिरोह को चिन्हित करते हुये ठोस कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। इस जांच के दौरान विभिन्न मोबाईल नम्बरों के डेटा का विश्लेषण किया गया साथ ही प्रकाश में आये कई संदिग्ध बैंक एकाउंटस के लेन देन का विवरण चैक किया गया तो पाया कि इन संदिग्ध बैंक खातों में देशभर के करीब हर राज्य से अलग अलग लोंगो द्वारा प्रतिदिन 25 से 30 हजार रूपये की किस्तों में लाखों रूपये जमा किये जा रहे हैं। प्रथम दृष्टया प्रकाश में आये संदिग्ध 03बैंक खातों में ही पिछले 02 माह में करीब 1.5 करोड रूपये जमा किये गये और निकाले गये थे। इन खातों में देशभर के लगभग सभी राज्यों से पैसें जमा किये गये थे विशेषकर भारत के दक्षिणी राज्य तेलंगना, आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र कर्नाटक से ज्यादा धनराशि जमा की जानी पायी गयी। इस सम्बन्ध में प्रथम दृष्टया दक्षिण भारत के राज्यों में ऑन लाइन ठगी की घटनाओं का सरसरी विश्लेषण किया गया तो सैकड़ो ऐसी शिकायतें मिली हैं जिनसे मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी की जा रही थी। जिनमें से अभी तक हमें 35 शिकायतें तेलंगना, आन्ध्रा और महाराष्ट्र राज्य में दर्ज पायी गयी हैं इनके अभी और भी घटनायें प्रकाश में आयेंगी। ठगी की इन घटनाओं में सम्बन्धित गिरोह प्रेमनगर देहरादून में रहकर यह गिरोह संचालित कर रहे थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ श्री आयुष अग्रवाल द्वारा आगे बताया कि* इस गिरोह के सम्बन्ध में यह जानकारी पुख्ता तो हो गयी थी कि यह गिरोह प्रेमनगर क्षेत्र में रह रहा है परन्तु यह गिरोह कहां से संचालित हो रहा है उसके बारे में जानकारी नहीं हो पा रही थी क्योंकि इस गिरोह के सदस्यों द्वारा केवल फर्जी सिम को इस्तेमाल किया जा रहा था और उसमें तकनीक का प्रयोग करके अपने लोकेशन को कहीं दूर दिखाया जा रहा था, इस पर एसटीएफ टीम को एक सटीक कार्ययोजना बनाकर पिछले 15 दिनों से प्रेमनगर क्षेत्र में ही रहकर इस गिरोह के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिये निर्देश दिये गये जिसके परिणाम स्वरूप इस गिरोह के दो सदस्यों को थाना प्रेमनगर क्षेत्र से गिरप्तार करने में सफलता प्राप्त हुयी उनके कब्जे से 1,31,100/- रूपये, 64 सिम कार्ड, 11 एटीएम कार्ड, 10 मोबाईल फोन, 02 पासबुक, 07 बैंकों की चैक बुक बरामद की गयी है। इस गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में एसटीएफ द्वारा अभी भी पतारसी की जा रही है। पकड़े गये अभियुक्तों से पूछताछ में इस गिरोह का सरगना दीपक राज शर्मा पुत्र रामलौट शर्मा निवासी ग्राम विशुनपुर, छोटेपट्टी, जिला सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश है जिसकी तलाश की जा रही है। पकड़े गए शातिरों की पहचान राहुल चौधरी उर्फ राहुल कनौजिया पुत्र जगत नारायाण निवासी ग्राम करहेटा गोसरपुर, तहसील कादीपुर, थाना दोस्तपुर, जिला सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश उम्र 30 वर्ष हाल निवासी भागीरथी पुरम प्रेमनगर ,सिद्धान्त चौहान उर्फ सिद्ध चौहान पुत्र ओमकार निवासी ग्राम जलूलपुर खेडा, जिला बदांयू हाल निवासी लेन नम्बर-1, 13/7 दशहरा मैदान थाना प्रेमनगर, जनपद देहरादून उम्र-22 वर्ष के रूप में हुई एसटीएफ की पूछताछ में इस गिरोह के मुख्य सदस्य राहुल चौघरी उर्फ राहुल कनौजिया बताया गया कि उसके पास कोई काम धन्धा नहीं था। मैं 12 वी पास हूँ। मैं दीपक राज शर्मा के गांव के बगल के गांव का रहने वाला हूँ वो ही मुझे गांव से देहरादून लाया था। दीपक राज शर्मा यहां देहरादून में पिछले 4-5 सालों से रह रहा है। उसी ने मुझे यह काम बताया था कि कॉल करने लोगों को प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के बारे में यह बताकर कि वह इस योजना कार्यालय का सरकार कर्मचारी है और फिर उन्हें मुद्रा लोन दिलाने में मदद कर सकता है फिर उसके बाद मुद्रा लोन को स्वीकृत होना बताना जिसके लिये सरकार से ज्यादा सब्सीडी पाने के लिये कमीशन और प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में अपने बताये गये बैंक खातों में स्वीकृत कराये गये लोन के मुताबिक 05 से 10 प्रतिशत धनराशि को जमा करा दिया जाता है। जिसके लिये सभी खाते एवं प्रयोग किये जाने वाले मोबाईल नम्बर फर्जी प्रयोग किये जाते हैं। इस पूरे गैंग को दीपक राज शर्मा संचालित कर रहा था उसके दक्षिण भारत के राज्यों के लोगों से मुद्रा लोन योजना के नाम धोखाधड़ी करने के लिये 4-5 लडके आन्ध्र प्रदेश आदि राज्यों के रखे हुये थे। इसके लिये सभी खाते फर्जी खोले गये थे और फर्जी मोबाइल नम्बर भी इन खातों से जुडे हुये हैं। जैसे ही पैसे जमा होता मैसेज मिलते ही तत्काल एटीएम से पैसों को निकाल दिया जाता था। ठगी के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले सारे सिम कार्डस फर्जी आईडी पे लिये जाते हैं* जिन्हे प्रति सिम 1000/- रूपये में खरीदता है। 3-4 महीने बाद उन खातों के एटीएम को एवं प्रयोग किये गये मोबाईल सिम को तोडकर फेंक देते हैं। सारे गिरोह का मास्टर माईन्ड दीपक राज शर्मा है ठगी पैसों से ही सुद्धोवाला में एक जमीन खरीदकर उस पर अपना हॉस्टल बना रहा है एवं ठाकुरपुर में नित्या रेडिमेड गार्मेंट नाम से दुकान भी खोल रखी है। हम लोग प्रत्येक सप्ताह में करीब 5 से 6 लाख की ठगी कर लेते हैं। इस सम्बन्ध में साईबर थाना देहरादून पर धारा-420/467/468/471/201/34 भादवि व 66 डी आईटी एक्ट का अपराध पंजीकृत किया गया है। इस घटना के अनावरण में पुलिस उपाधीक्षक श्री अंकुश मिश्रा एवं गृह मंत्रालय के आई4सी के सीईयो डॉ राजेश कुमार एवं उनकी टीम की मुख्य भूमिका रही है।
पुलिस टीम में उपनिरीक्षक विपिन बहुगुणा, टीम प्रभारी उप निरीक्षक नरोत्तम बिष्ट ,अपर उप निरीक्षक देवेन्द्र भारती हेड कांस्टेबल देवेन्द्र मंमगाई प्रमोद कुमार, संदेश यादव रवि पंत,
कांस्टेबल दीपक चन्दोला, नितिन कुमार, कादर खान आदि थे।