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समर्थकों द्वारा गाली-गलौच तथा अभद्र भाषा का प्रयोग न किया जाय वरना प्रशासन ऐसी स्थिति में कड़ी कानूनी कार्यवाही करेगा- जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी
पिथौरागढ़
*डीएम ने आम जनमानस से अपील की है कि प्रशासन आम* *जनमानस के साथ हैं अफवाहों पर ध्यान ना दें।*
जिला अधिकारी विनोद गोस्वामी ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट में एक प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि हाल ही में जनपद में सम्पन्न नागर निकाय निर्वाचन-2025 की मतगणना के पश्चात विशेष तौर पर पिथौरागढ़ शहर में एक वर्ग के द्वारा विभिन्न प्रकार की अफवाहें फैलायी जा रही हैं। चूँकि इन अफवाहों में प्रशासन पर भी आरोप लगाये जा रहे हैं और गलत बयानबाजी की जा रही है, अतः मतगणना वैधानिक तथा तथ्यों के साथ स्थिति को स्पष्ट करना आवश्यक है, जिससे इन अफवाहों पर रोक लगे और आम जनता में सही सूचना का प्रसारण हो सके।
जिलाधिकारी ने बताया कि पिथौरागढ़ नगर निगम के कुल 53 बूथों हेतु मतगणना 14 टेवल में 4 राउण्ड में की गई। पहले 3 राउण्ड में प्रत्येक में 14 और अन्तिम चौथे चरण में शेष 11 बूथ/टेबल की गणना की गई।
पहले 3 राउण्ड तक जो प्रत्याशी आगे रहे, उन्होंने या उनके प्रतिनिधियों / गणना अभिकर्ताओं ने 14 गुणा 3 अर्थात सभी 42 टेबलों पर हुई गणना में किसी भी टेबल की गणना में या राउण्डवार कुल गणना की आर०ओ० टेबल पर कम्प्यूटर से की गई टेब्यूलेशन अर्थात कुल गणना योग पर कभी भी और किसी भी तरह की आपत्ति नहीं की। यहाँ तक कि चौथे राउण्ड की गणना में भी सभी 11 शेष बूथों की गणना के दौरान भी किसी भी पक्ष द्वारा कोई लिखित या मौखिक शिकायत या आपत्ति नहीं की गई। आर०ओ० के द्वारा तीसरे राउण्ड की गणना के बाद कुल मतों को अन्तिम तथा चौथे राउण्ड के कुल मतों से मिलाया गया तो 17 मतों से श्रीमती कल्पना देवलाल विजयी रहीं। इसके पश्चात एक अन्य प्रत्याशी के ऐजेंट श्री ऋषेन्द्र महर द्वारा यह माँग व्यक्त की गई कि रीकॉउटिंग की जाय। चूँकि 53 टेबल पर की गई किसी भी गणना टेबल पर कभी भी कोई आपत्ति नहीं की गई थी और कुल गणना को भी विभिन्न स्तरों पर verify करने के बाद ही कुल मतों को घोषित किया गया था। अतः रीकॉउटिंग का कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया गया।
चौथे राउण्ड में 7 बूथों पर श्रीमती कल्पना देवलाल तथा 4 बूथों पर श्रीमती मोनिका महर आगे रहीं। श्रीमती मोनिका महर की तीसरे राउण्ड तक कुल 517 मतों की बढ़त थी, लेकिन चौथे राउण्ड में श्रीमती कल्पना देवलाल की कुल 17 मतों की बढ़त हो गई। इस प्रकार यह कुल 17 मतों की कुल बढ़त प्राप्त करने के कारण वह विजयी घोषित हुईं।
उन्होंने यह भी बताया कि रिटर्निंग अधिकारी तथा चुनाव आयोग द्वारा रीकॉउटिंग नहीं कराने के मुख्य कारण-चार राउण्ड की गणना में किसी भी टेबल पर किसी भी पक्ष द्वारा आपत्ति नहीं की गई थी,तीसरे राउण्ड तक एक पक्ष व अन्तिम राउण्ड में दूसरे पक्ष की बढ़त स्पष्ट रूप से बूथों के माध्यम से कुल मतों में दिखाई देना, इस पर भी कोई आपत्ति नहीं थी।तीसरे राउण्ड के बाद शहर में दोनों पक्षों के समर्थक बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए थे। साथ ही मतगणना केन्द्र के चारों ओर इनके समर्थकों द्वारा झगड़ा / नारेबाजी तथा हंगामा प्रारम्भ कर दिया था। साथ ही इनके द्वारा एक दूसरे के आमने-सामने प्रदर्शन करने तथा रात्रि के समय में किसी भी प्रकार के झगड़े अथवा बलवे को रोकने हेतु कानून व सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ने की संभावनां बन गई थी। सभी पक्षों को शान्त करने हेतु परिणामों को शीघ्र घोषित करना आवश्यक था साथ ही मा० प्रेक्षक की सहमति तथा अनुमति के उपरान्त ही अन्तिम परिणामों को घोषित किया गया। चुनाव आयोग द्वारा जारी रीकॉउटिंग के नियमों के अनुसार मा० प्रेक्षक के स्तर से ही अनुमति दी जाती है। मा० प्रेक्षक के द्वारा पूरी मतगणना में किसी प्रकार के Substansial Error को न पाना, जिससे रीकॉउटिंग की जा सके।उपरोक्त से स्पष्ट है कि यदि कोई प्रत्याशी तीसरे राउण्ड तक प्रशासन को पारदर्शी व्यवस्था मानता है और चौथे राउण्ड के पूरा होने के बाद ही आपत्ति करना चाहता है तो यह स्पष्ट रूप से निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के क्रम में आर०ओ०/मा० प्रेक्षक का निर्णय था कि नियमों के तहत रीकॉउटिंग करानी है अथवा नहीं। स्थानीय प्रशासन की इसमें कोई भूमिका नहीं रहती है।
जिलाधिकारी ने जनपद की आम जनमानस से अनुरोध किया है की प्रशासन व आयोग की प्रक्रिया fullproof है, उसमें किसी स्तर पर गड़बड़ी की संभावना ही नहीं है, और न टेबल स्तर पर, और न आर०ओ० स्तर पर। अफवाहों पर ध्यान न दिया जाय।आपत्तियों को सुनने के लिए न्यायिक प्रक्रिया के तहत विकल्प लोकतंत्र में सभी के पास उपलब्ध हैं। जनता के द्वारा मेरे नेतृत्व में कार्यरत वर्तमान प्रशासन का पिछल पांच माह का कार्यकाल देखा है व हम जनता के कल्याण के प्रति समर्पित हैं तथा ग्रासरूट लेवल पर कार्य कर रहें हैं साथ ही आरोप-प्रत्यारोपों में प्रशासन को उलझाने से आम जनता का ही नुकसान होगा, जो जनपद के विकास हेतु ठीक नहीं है। प्रत्याशियों और उनके समर्थकों द्वारा गाली-गलौच तथा अभद्र भाषा का प्रयोग न किया जाय। प्रशासन ऐसी स्थिति में कड़ी कानूनी कार्यवाही करेगा।
अपने स्वार्थ तथा राजनीतिक लाभ-हानि की गणना करने में प्रशासन को पक्ष नहीं बनायें। प्रशासन सदैव ही निष्पक्ष है और रहेगा।
