फिर भालू का कहर — चारा लेने गई महिला पर हमला, गिरकर मौत
वन्यजीवों के बढ़ते हमले से ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग और मानव-वन्यजीव संगठन पर उठ रहे सवाल
उत्तरकाशी, 26 अक्टूबर 2025।रिपोर्ट: विशेष संवाददाता)
उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन हो रहे जंगली जानवरों के हमलों से ग्रामीण इलाकों में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। रविवार को एक बार फिर ऐसी ही दर्दनाक घटना घटित हुई, जब भालू के हमले में एक महिला की जान चली गई।
मिली जानकारी के अनुसार, तहसील भटवाड़ी के ग्राम औंगी की कुछ महिलाएं रविवार शाम लगभग 5 बजे चारा-पत्ती लेने पास के जंगल में गई थीं। इसी दौरान एक भालू ने अचानक हमला कर दिया। हमले से भयभीत महिला पहाड़ी की ओर भागी, लेकिन संतुलन बिगड़ने से नीचे गिर गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मृतका की पहचान श्रीमती बिनीता राणा (उम्र 36 वर्ष), पत्नी श्री सत्येन्द्र सिंह राणा, निवासी ग्राम औंगी, तहसील भटवाड़ी, उत्तरकाशी के रूप में हुई है।
सूचना मिलते ही राजस्व उपनिरीक्षक सौरा की टीम मौके पर पहुँची और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार पंचनामा और पोस्टमार्टम की कार्यवाही जारी है।
गांव में शोक और दहशत का माहौल
घटना के बाद औंगी गांव में शोक और दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से जंगली जानवरों की आवाजाही बढ़ गई है।
कई बार शिकायतों के बावजूद वन विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीणों ने मांग की है कि वन्यजीवों के आतंक को रोकने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाएं और प्रभावित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।
बढ़ते हमलों से उठ रहे सवाल
प्रदेश में लगातार बढ़ रहे वन्यजीव हमलों से आमजन में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि मानव-वन्यजीव संगठन और वन विभाग केवल कागजों में सक्रिय हैं, जबकि धरातल पर उनकी कार्यवाही न के बराबर है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वन्यजीवों के आवास क्षेत्रों में अतिक्रमण, भोजन की कमी और पर्यावरणीय असंतुलन के चलते ऐसे हमले बढ़ते जा रहे हैं।
ग्रामीणों की मांग:
- प्रभावित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए
- वन विभाग गांवों के आसपास पेट्रोलिंग बढ़ाए
- जंगली जानवरों की निगरानी के लिए ट्रैकिंग टीम बनाई जाए
- मानव-वन्यजीव संघर्ष वाले क्षेत्रों में अलर्ट सिस्टम विकसित किया जाए




